बेगूसराय (बिहार) की खबर (12 अगस्त) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 13 अगस्त 2016

बेगूसराय (बिहार) की खबर (12 अगस्त)

पहुँच वाले अपराधी के पास घुटने टेकती है पुलिस

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अरुण कुमार,मटिहानी,बेगुसराय। सांख,लवटोलीया निवासी,उजागर महतों के पूरे परिवार को बड़े ही बेरहमी से घर घूस कर पिटाई किया।गाँव वाले तमाशबीन बने रहे,उसी गाँव के निवासी या यूँ भी कह सकते हैं कि घायलों के पाटीदार,रामज्ञान महतों,साहेब महतों,रामविलास महतों, चन्दन महतों,कुन्दन,मुकेश और किशुनदेव महतों जो कि अपने आप को बड़ा ही पहुँच वाला समझता है,और फिर पहुँचवाला समझे भी क्युँ नहीं,यह मारपीट की घटना प्रातः 6-7 बजे की है और मैं जब 05 बजे संध्या एफ आई आर लेने मुफसिल थाना पहुँचकर जब घटना के बारे में जानकारी प्राप्त कारण चाहा तो थानाध्यक्ष मो• इरशाद आलम ने बताया कि यह मामला द्विपक्षीय मारपीट की है इसलिए दोनों पर केस होगा,केस होने के बाद आइएगा एफ आई आर लेने।जब गिरफ्तारी के बारे में पूछने पर बताया कि पहले केस तो हो फिर दोनों की गिरफ्तारी होगी।जनाब मारपीट सबेरे होने के बावजूद शाम तक प्राथमिकी दर्ज नहीं किया जाना और गिरफ्तारी नहीं होना यही तो है प्रमाण पहुँच होने की है। दरअसल में ये मारपीट किसी ख़ास कारण से नहीं बल्कि कोई आपसी पुरानी रंजिश रही होगी,ज्ञातव्य हो की ज़मीन है बंगाली महतो की,जिसमें अण्डी का पेड़ है,वह अण्डी का पेड़ उजागर महतों के तरफ झुक गया था जिसके कारण उसे कुछ असुविधा हुआ होगा और उजागर महोतों ने उसे ऊपर से तोड़ दिया,और इसी बात को लेकर मारपीट हो गया शुरू,जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि जमीन बंगाली महतों का है तो फिर किशुनदेव का परिवार,उजागर महतों के परिवार के सदस्यों के साथ क्यों मारपीट किया।उजागर महतों,पे•स्व• प्रसाद महतो,सा•सांख,थाना मुफसिल,जिला बेगुसराय के साथ साथ राम जतन महतों उम्र 37 वर्ष,मालिक महतों,एक छोटी बच्ची उम्र 12 वर्ष एवं सरस्वती देवी को गंभीर रूप से घायल कुल्हारी से मारकर कर दिया है,घायलों का इलाज़ सदर अस्पताल बेगूसराय में हो रहा है।कुल्हाड़ी से इस तरह का जान लेवा हमला करने से मामला की गंभीरता काफी बढ़ जाती है।पुलिस के इस उदासीन रवैये से भला अपराध और अपराधी का मनोबल क्यों नहीं बढ़ेगा जो पुलिस के लिए बाद में परेशानी का सबब बन जाता है।जहां पुलिस को इस आपराधिक घटना को गंभीरता से लेनी चाहिए वहां पुलिस 12 घंटे तक प्राथमिकी भी दर्ज नहीं करती है और सक्रियता दिखाने के बदले निष्क्रियता दिखाते हुए इत्मीनान से कार्य करती है।लगातार बेगूसराय में इन दिनों आपराधिक घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है और भला हो क्यों नहीं जहां इरशाद आलम जैसे पुलिस ऑफिसर रहेंगे वहां अपराध का बढ़ जाना तो लाजमी है।


पुलिस को चुनौती देते अपराधी
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अरुण कुमार,मटिहानी,बेगुसराय। देवनन्दन उर्फ़ देवो सिंह,पे•-स्व•रामबालक सिंह,सा•खोरमपुर,थाना मटिहानी,जिला बेगुसराय की हत्या गला रेतकर उस वक्त कर दी गई जिस वक्त वे अपने घर के पास ही बाँध पर सोए हुए थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज से 7-8 महीने पूर्व से चल रहे रास्ते के विवाद में गवाही मात्र देने की वजह से हुई।किशोरी सिंह पुरवा नामक व्यक्ति को उकसा और धमका कर देवनन्दन सिंह,धीरज सिंह,एवं विकास सिंह के ऊपर झूठा केस करवा दिया,जिस केस में छितनौर निवासी,शिवचन्द्र बाबू,पुरवा को समझा बुझा कर सुलह करवा दिया।बात आई गई हो गई ,जब बात कुछ नहीं बानी तो किशोरी सिंह ने पुरवा के डेरा में आग लगा दिया जिसमें देवनन्दन सिंह गवाह बने,फिर किशोरी सिंह और उनका लड़का पटीदार अनिल सिंह के साथ मारपीट किया जिसका मटिहानी थाना काण्ड संख्याँ 59/16 है,इसमें भी देवनन्दन सिंह पुलिस के समक्ष अपना बयान अनिल सिंह के पक्ष और किशोरी सिंह के विपक्ष में दिए।ठीक उसी दिन से हत्या की साजिश की तैयारी होने लगी,बैकुण्ठ सिंह हत्या से दो दिन पूर्व ही मृतक के पुत्र से कहा की लगता है हमें खून करना ही पड़ेगा और ठीक दो दिन बाद अहले सुबह सोची समझी घटनाओं को अन्जाम दे दिया गया। सवेरे 4 और 4:30 के करीब देवो सिंह अपने भाई को जगाने गये थे,भाई पिसाब करने गया था देवो सिंह अपने भाई के जगह लेट गये उनकी आँखें लग है मौके का फायदा उठाये हुए अपराधी जो की पहले से ही घात लगाये थे अचानक देवो सिंह पर घातक हथियार खांड़ से प्रहार कर सिर ही काट दिया और दूसरे व्यक्ति ने उनके ऊपर खंती (सावल) से प्रहार किया।उनके भाई पिसाब करके लौटे तो भाई की दशा देख रोने चिल्लाने लगे घर के सभी व्यक्ति दौड़े आस पड़ोस के आदमी भी शोरगुल सुनकर पहुँचे,देवो सिंह की हालत देख भीड़ के सभी व्यक्ति हतप्रभ थे। घटना को अन्जाम देते हुए भाग रहे व्यक्तियों में एक दो व्यक्तियों को छोड़कर जिनकी पहचान हुई वो कुछ इस प्रकार हैं।किशोरी सिंह,लड़का कुन्दन और चन्दन,मुकेश सिंह,बैकुण्ठ सिंह,राजदेव सिंह,लड़का आलोक आदि भागते हुए दिखे।मटिहानी थाना यदि पूर्व से केस के आलोक में अपनी सक्रियता का परिचय देती तो शायद ये घटना नहीं घटती,क्योंकि उक्त अपराधकर्मियों के ऊपर कई मुकद्दमा दायर है जैसे मारपीट,आगजनी और छेड़खानी आदि ।अभी तक मात्र बैकुण्ठ सिंह की गिरफ्तारी हुई है और 11 अगस्त 2016 को राजदेव सिंह कोर्ट में हाजिर हुए बाकी के नामजद बेखौफ घूम रहे हैं।ये घटना बेगूसराय पुलिसिया व्यवस्था पर एक सवाल अवश्य खड़ा कर जाता है।

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