पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय बनाये जाने की मंजूरी मिलने पर ए.आई.एस.एफ. ने अबीर-गुलाल लगा खुशी का इजहार किया। सरकार को ध्न्यवाद कर विश्वविद्यालयों को शीघ्र धरातल पर उतारने की मांग दुहरायी।
पटनाः- मगध विश्वविद्यालय के पटना एवं नालन्दा जिला के काॅलेजों को मिलाकर पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय बनाने के मांग को कैबिनेट से मंजूरी के बाद छात्रांे में खुशी की लहर है। आॅल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (ए.आई.एस.एफ.) से जुड़े छात्र-छात्राओं ने आज एक दूसरे को गुलाल लगाकर खुशी का इजहार किया। छात्र-छात्राओं ने काॅलेज आॅफ काॅमर्स, आर्ट एण्ड साईंस के परिसर से जुलूस निकाल मुख्य द्वार तक आये। काॅलेज गेट पर सभा को संबंोधित करते हुए ए.आई.एस.एफ. के राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि 20 वर्षों से भी अधिक समय से चल रहे संघर्षों का नतीजा पाटलिपुत्रा वि.वि. की मंजूरी मिलना है। इस दौरान छात्रांे को जेल, लाठी और तमाम यातनाओं को झेलना पड़ा। पाटलिपुत्रा वि.वि. के धरातल पर आने से छात्र, शिक्षक व कर्मी बोधगया जाने से निजात मिलेगा और आर्थिक एवं मानसिक परेशानी से बचेंगे। मौके पर मौजूद संगठन के राज्य कार्यकारिणी सदस्य आकाश गौरव ने कहा कि 2002 में मगध वि.वि. की शाखा कार्यालय का पटना में खुलना ही नये वि.वि. की बुनियाद रखना था। राज्य सरकार को ध्न्यवाद देते हुए शीघ्र नये वि.वि. को धरातल पर उतारने की सारी प्रक्रियाओं को रफ्तार देने की मांग की। सभा की अध्यक्षता जिला सह-सचिव साजन झा ने किया। इस दौरान ए.आई.एस.एफ. के राज्य परिषद सदस्य अभिषेक आनन्द, गोविन्द कुमार, किरण कुमारी, आरती कुमारी, प्रशांत कुमार, आरोही कुमारी, सलोनी कुमारी, अनीस राज, रिंकी कुमारी, अतुल झा आदि सैकड़ों छात्र मौजूद थे।
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