नयी दिल्ली, 12 अगस्त, कश्मीर में अशांति को पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद का परिणाम बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि आतंकवाद से पूरी सख्ती से निपटा जायेगा और कानून के शासन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को विरोधी ताकतों को भारत की कमजोरी नहीं समझना चाहिए। श्री मोदी ने कश्मीर घाटी की वर्तमान स्थिति पर विचार के लिए यहां हुई सर्वदलीय बैठक में अपने समापन भाषण में कहा कि सरकार कश्मीर के मुद्दे का संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के अनुरूप स्थायी और शांतिपूर्वक हल के लिए प्रतिबद्ध है तथा इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिखाये गये मार्ग का अनुसरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार वहां के हर किसी व्यक्ति की सभी जायज शिकायतों को सुनेगी और उन्हें दूर किया जाएगा, लेकिन हिंसा, आतंकवाद और भारत-विरोधी गतिविधियों से सख्ती से निपटा जायेगा। प्रधानमंत्री ने कश्मीर में 1989-90 में आतंकवाद के शुरू होने से अब तक सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई में जब्त हथियारों और इस दौरान 5000 से अधिक विदेशी आतंकवादियों के मारे जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि पाकिस्तान चाहे लाख झूठ बोले, लेकिन सीमा-पार आतंकवाद को लेकर दुनिया उसके दावों पर कतई भरोसा नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “इतने हथियार बरामद हों, इतने विदेशी आतंकवादी घाटी में मारकाट हेतु आये हों, फिर पाकिस्तान चाहे लाख झूठ बोले तो भी दुनिया कभी उसके दुष्प्रचार को स्वीकार नहीं करेगी।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए अब समय आ गया है कि वह विश्व के सामने बलूचिस्तान में और अपने कब्जे वाले कश्मीर में लोगों पर हो रहे अत्याचारों का जवाब दे। श्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर की जनता के बुनियादी अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध भी भारतीय क़ानून जितने मानवीय हैं, उतने विश्व के और किसी लोकतंत्र में नहीं हैं | उन्होंने कहा, “हमारी सरकारों और सुरक्षा बलों नें इन घटनाओं से निपटने में बेहतरीन संयम का परिचय दिया है।”
शनिवार, 13 अगस्त 2016
कश्मीर में अशांति पाक-प्रायोजित आतंकवाद का परिणाम : मोदी
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