नयी दिल्ली,12 अगस्त, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां देश की खुफिया जांच एजेंसियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह सम्मेलन अपराध के परपंरागत और नए तरीकों की जांच की वैज्ञानिक पद्धति का स्तर सुधारने में मील का पत्थर साबित होगा। यह दो दिवसीय सम्मलेन पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो तथा राष्ट्रीय जांच एजेंसी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया है। श्री सिंह ने कहा कि देश की जांच एजेंसियों के समक्ष इस समय कई तरह की चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों और उसके समाधान के तरीकों पर चर्चा के लिए यह सम्मेलन एक बड़ा अवसर होगा। उन्होंने उम्मीद जतायी के सम्मेलन में होने वाली चर्चाओं से अपराध विशेषकर आर्थिक और संगठित अपराधों की जांच का स्तर सुधारने के नए तरीके निकलेंगे। गृहमंत्री ने कहा कि अपराध नियंत्रण के दो पहलू होते हैं। बचाव अौर जांच। बचाव सबसे बेहतरीन उपाय है लेकिन इसके बावजूद भी यदि अपराध हो जाए तो जांच की गुणवत्ता अपराधी की पहचान का आधार बनती है। उन्हाेंने इस संबंध में राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ाें का हवाला देते हुए कहा कि अपराधों की तुलना में इनमें दोषी ठहराये जाने की दर काफी कम है इसलिए पीड़ित को न्याय दिलाने तथा अपराधी काे दंडित करने के लिए जांच प्रक्रिया की गुणवत्ता अहम है।
शनिवार, 13 अगस्त 2016
खुफिया जांच एजेंसियों के समक्ष कई चुनौतियां : राजनाथ
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