नयी दिल्ली 12 अगस्त, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित ऐतिहासिक संविधान संशोधन (122) विधेयक तथा कुछ अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने और कश्मीर के लोगों से शांति बहाली की अपील के साथ ही संसद का मानसून सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। गत 18 जुलाई को शुरू हुए इस सत्र के दौरान राज्यसभा और लोकसभा की 20 बैठकें हुई। लोकसभा में कुल 121 घंटे कामकाज हुआ , व्यवधान के कारण 6 घंटे 33 मिनट का समय नष्ट हुआ लेकिन सदस्यों ने 18 घंटे 5 मिनट अतिरिक्त समय बैठ कर कामकाज निपटाया। राज्यसभा में 112 घंटे से अधिक कामकाज हुआ जबकि हंगामे के कारण 20 घंटे से अधिक का समय बर्बाद लेकिन सदस्यों ने 20 घंटे अतिरिक्त समय बैठकर कामकाज निपटाया। लोकसभा ने इस सत्र में 13 विधेयक पारित किये तथा 14 सरकारी विधेयक सदन में पेश किये गये । राज्यसभा ने 14 विधेयकों को मंजूरी दी । इनमें ऐतिहासिक 122 वां संविधान संशोधन विधेयक , क्षतिपूर्ति वनीकरण कोष विधेयक , प्रसूति सुविधा संशोधन विधेयक , प्रतिभूति एवं रिण वसूली विधेयक , बेनामी संपत्ति से संबंधित विधेयक , कारखाना संशोधन विधेयक शामिल हैं। दोनों सदनों ने कश्मीर में हिंसा और उसके कारण बनी स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की और वहां के लोगों से शांति और सौहार्द बहाल करने की अपील करते हुए संकल्प भी पारित किया। लोकसभा ने चालू वित्त वर्ष की पूरक अनुदान मांगों और उससे संबंधित विनियोग विधेयक को भी मंजूरी दी लेकिन राज्यसभा में कुछ दिन सूचीबद्ध रहने के बावजूद अन्य कामकाज निपटाये जाने के कारण इस पर चर्चा नहीं हो सकी। विनियोग विधेयक के धन विधेयक होने के नाते राज्यसभा से इसकी मंजूरी अनिवार्य नहीं है और वह इसके बिना भी पारित माना जायेगा। लेकिन हाल के वर्षों में संभवत यह पहला मौका है जब विनियोग विधेयक राज्यसभा में मंजूरी के लिए नहीं आ पाया। राज्यसभा के सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी इस सत्र को कामकाज निपटाने के लिहाज से अत्यंत सफल बताते हुए कहा कि इस दौरान राष्ट्रीय महत्व से जुडे कई मुद्दों पर चर्चा हुई और कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर रचनात्मक चर्चा हुई ।
शनिवार, 13 अगस्त 2016
संसद का मानसून सत्र समाप्त , कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित
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