बिहार राज्य के मिथलांचल क्षेत्रों में एक प्रमुख क्षेत्र दरभंगा ,के संसदीय क्षेत्र से तीन बार प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी एवं राजनितिक नेता कीर्ति आज़ाद ने कहा की मिथिला पाग राष्ट्रीय धरोहर घोषित हो। आज़ाद ने जोर देते हुए कहा की इस पाग को राष्ट्रीय धरोहर के रूप में प्रतिष्ठित करने हेतु अपना पूरा जोर लगाएंगें। उन्होंने इसके ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विशिष्टताओं पर प्रकाश डालते हुए इसके उतपति प्राचीनकाल में प्रचलित विभिन्न शाही परिवारों के ताज से किया। मिथिलालोक फाउंडेशन जो की एक सामाजिक ,आर्थिक एवं सांस्कृतिक संस्था है, जिसने पाग बचाउ अभियान चलाया है ,के द्वारा निर्मित पाग में प्रयुक्त तकनीकी बारीकियों पर गौर करते हुए इसे कर्नाटक के शाही परिवार एवं उसके सांस्कृतिक प्रतीक सरताज जो की एक फैशन ब्रांड के रूप में विकसित हो रही है ,से जोड़ा।
संसद के बाहर मिथिला की सांस्कृतिक प्रतिक पाग को पहनकर आज़ाद ने मिथिलालोक के तत्वावधान में एक हस्ताक्षर अभियान चला कर मिथिला एवं मैथिल के सांस्कृतिक उत्थान हेतु भारत के संसदीय कार्यसमिति के पटल पर इस पाग को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करवाने के लिए आवेदन देने की बात कहि। मिथिलालोक के चेयरमैन डॉ बीरबल झा के प्रयत्न की प्रशंशा के साथ पाग के इस नवरूप की भी उन्होंने सराहना की। पौराणिक पाग के संरचना में उपिस्थित खामियों को चिन्हित करते हुए इस पाग को धारको के लिए अत्यंत ही उन्नत माना। इन्होंने इस पाग को राष्ट्रीय पहचान दिलवाने में अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन देने के साथ ही मैथिलि साहित्य और संस्कृति के पुनर्जागरण में कर्नाटक शाही वंश के योगदान को उल्लेखित किया भारत के सम्मलित सांस्कृतिक मूल्यों के अलावे मिथिला के सांस्कृतिक पहचान "पाग" पहनकर हाल ही में बिहार विधान सभा के अनेको सदस्य पहली बार सदन में उपस्थित हुए। पाग बचाओ अभियान के द्वारा डॉ झा ने इसके प्रति लोगो में सांस्कृतिक जागरूकता के महत्व पर प्रकाश डाला है।

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