नयी दिल्ली/कुडनकुलम 10 अगस्त, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रूस के सहयोग से शुरू की गई कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (केकेएनपीपी) की 1000 मेगावाट की पहली इकाई काे राष्ट्र को समर्पित करते हुये आज कहा कि यह भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम है। नयी दिल्ली से श्री मोदी ने मॉस्को से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और चेन्नई से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कुडनकुलम परियोजना की पहली इकाई को राष्ट्र को समर्पित की। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा, “इस इकाई के कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया जाना भारत और रूस की रणनीतिक साझेदारी का उदाहरण ही नहीं है बल्कि यह हमारी पुरानी मित्रता का उत्सव भी है। परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के आपसी सहयोग की बदौलत यह परियोजना शुरू हो पाई है। आमतौर पर लोगों को नहीं पता होगा कि कुडनकुलम-1 देश की सबसे बड़ी विद्युत इकाई है। इस परियोजना के तहत अभी एक-एक हजार मेगावाट की पाँच से अधिक इकाइयाँ बनाने की योजना है।” श्री मोदी ने ऐसी परियोनाओं के बीच पर्यावरण संरक्षण के महत्व का उल्लेख करते हुये कहा कि मानव विकास की कहानी प्रौद्योगिकी के फायदे और इसके बल पर बढ़ी आर्थिक समृद्धि का तानाबाना है और यह पर्यावरण को बिना क्षति पहुँचाये पूर्ण होती है। हमारे पास देश के लिए एक दृष्टिकोण है जिसमें अपनी मातृभूमि का सम्मान करते हुये आर्थिक विकास के लक्ष्यों को हासिल करना और स्वच्छ ऊर्जा के जरिये आैद्योगिक विकास को गति देना शामिल है।
गुरुवार, 11 अगस्त 2016
कुडनकुलम परियोजना भारत-रूस संबंध के लिए ऐतिहासिक : मोदी
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