पटना 10 अगस्त, बिहार में कड़े शराबबंदी कानून को लेकर विपक्ष समेत समाज के कुछ वर्ग विशेष की लगातार आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘शराबबंदी’ के मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता एक बार फिर से जाहिर करते हुए अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है। श्री कुमार ने आज सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर ब्लॉग लिखकर आलोचकों को स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी परिस्थिति में शराबबंदी से पीछे नहीं हटने वाले हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि जो भी बिहार में शराब पीएगा उसे परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना होगा। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) का नाम लिये बगैर कहा कि आज शराबबंदी के सख्त प्रावधानों पर उंगली उठाने वाले वही लोग हैं, जिन्होंने इसे विधानसभा से पास कराया, लेकिन आज सिर्फ राजनीति के चलते इसमें खामियां गिनाने में लगे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब को लेकर जिन राज्यों में पाबंदी भी है वहां सिर्फ प्रतीकात्मक है, लेकिन बिहार में ऐसा नहीं है और न ऐसा होने दिया जायेगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश और झारखंड में शराबबंदी की अपनी मुहिम की चर्चा करते हुए कहा कि मैंने उत्तर प्रदेश और झारखंड की सरकारों से शराबबंदी लागू करने की अपील की, लेकिन वो लोग साहस नहीं जुटा सके। उन्होंने कहा कि उनका सार्वजनिक रिकार्ड पारदर्शी रहा हैं और जब मैंने लोगों से वादा किया है तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने को भी तत्पर हॅूं। श्री कुमार ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व एक सरकारी कार्यक्रम में वादा किया था कि यदि वे दुबारा सत्ता में आते हैं तो राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे। यह काफी कठिन कार्य था लेकिन शासन में कोई भी चीज आसान नहीं होती । शराबबंदी को लेकर इससे भी मुश्किल यह था कि इससे पहले कभी भी सफलतापूर्वक लागू नहीं किया जा सका था। यह एक तथ्य किसी और से अधिक शराब लॉबी के लिए चीयर्स करने वाला था लेकिन मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार ने शराबबंदी लागू करने के लिए ठोस पहल की गयी है। इस दिशा में नया आबकारी विधेयक, 2016 एक निर्णायक कदम है। सरल शब्दों में कहें तो यह शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों को सीधे उनके कार्यों के लिए जवाबदेह बनाता है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि शराबबंदी के मुद्दे पर प्रदेश की जनता उनके साथ है।

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