पटना 11 अगस्त, बिहार में लागू शराबबंदी के मुद्दे पर आज सत्तारूढ़ महागठबंधन के घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाईटेड (जदयू) अब आमने-सामने आ गये हैं । राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने यहां कहा कि शराबबंदी कानून के कुछ प्रावधान से आम लोगों को परेशान किया जा सकता है और ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसे वापस ले लेना चाहिए । उन्होंने दावा किया कि जदयू के विधायक भी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री श्री कुमार के साथ नहीं है । श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार जितना भी इस मामले पर स्पष्टीकरण दें ,कानून में कई कमियां हैं और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता । एक आदमी भी इस कानून के पक्ष में नहीं है । उन्होंने कहा कि इस मामले में जबर्दस्ती नहीं होनी चाहिए ।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि पुलिस एसोसिएशन को भी सरकार को भरोसे में लिया जाना जरूरी है । नये कानून में गांवों पर सामूहिक जुर्माना ,परिवार के सभी व्यस्क पर कार्रवाई और थानाध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई होना पूरी तरह से गलत है । श्री सिंह ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री श्री कुमार की ओर से दी जा रही सफाई में दम नहीं है । पहले श्री कुमार जब शराब बिक्री को बिना किसी रोक टोक के बढ़ावा दे रहे थे तब वह राज्य के आमदनी की दलील देने से नहीं चुकते थे। उन्होंने कहा कि व्हीप जारी होने के कारण ही शराबबंदी का विधेयक विधानमंडल से पारित हुआ था । वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ट नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री श्री कुमार का बचाव करते हुए कहा कि शराबबंदी एक सामाजिक मुद्दा है और इसे लागू करने के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति जरूरी है । मुख्यमंत्री श्री कुमार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताये हुए सिद्धांत पर चल रहे है । उन्होंने कहा कि शराबबंदी देश का सबसे बड़ा मुद्दा बनेगा ।

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