सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 13 अगस्त) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 13 अगस्त 2016

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 13 अगस्त)

सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क जांच होगी

sehore map
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत् प्रदेश में प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता एवं कवरेज को बढ़ाने के लिए प्रत्येक माह की 9 तारीख को जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्त्रीरोग विशेषज्ञ या एम.बी.बी.एस. चिकित्सक व्दारा गर्भवती महिलाओं की जांच कर उनका निःशुल्क इलाज किया जायेगा। इसके साथ ही हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को चिन्हाकिंत कर उन्हें रेफर स्लिप दी जायेगी और उनका इलाज जिला अस्पताल में किया जायेगा । मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने निर्देश दिए है कि आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ता ऐसी गर्भवती माताओं की सूची बनाकर संबंधित स्वास्थ्य संस्था को भेजें। 


खरीफ फसलों में पोषक तत्व प्रबन्धन एवं पौध संरक्षण

सी. आर. डी. ई. कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ, जिला - सीहोर द्वारा खरीफ फसलों में पोषक तत्व प्रबन्धन व पौध संरक्षण विषय पर एक दिवसीय विस्तार कार्यकर्ता प्रषिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ में किया गया। प्रषिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ माॅ सरस्वती का दीप प्रज्जवल व माल्यापर्ण कर किया गया। प्रषिक्षण कार्यक्रम में उपस्थिति कृषि विस्तार अधिकारियों को डाॅ. उपेष कुमार, प्रमुख एवं वैज्ञानिक, पौध संरक्षण ने खरीफ ऋतु की मुख्य फसलों जैसे - सोयाबीन, अरहर, धान, मक्का, उडद, मूॅग फसल में लगने वाले कीट जैसे हरी अद्र्वकुण्डिलत इल्ली, चने की फल बेधक इल्ली, तम्बाकू इल्ली, चक्र भं्रग तना मक्खी, सफेद मक्खी पत्ती लपेटक कीट, धान व मक्का का तना बेदक कीट आदि की पहचान व इनके द्वारा होने वाली हानि पर चर्चा करते हुए इनके प्रबन्धन पर जानकारी दी। साथ ही इन फसलों में लगने वाले प्रमुख रोग जैसे झुलसा रोग, राईजोक्टोनिया राॅट, पीली पत्ती विषाणु रोग, फाईटोफ्लोरा ब्लाइट, उकठा, शीथ ब्लाइट, ब्लास्ट, जीवाणु झुलसा रोग आदि रोगों की पहचान एवं उनके प्रबन्धन के उपाय पर जानकारी दी गयी। फसलों में कीट व रोग के प्रबन्धन हेतु समन्वित कीट - व्याधि प्रबन्धन तकनीक के विभिन्न अवयवों पर चर्चा करते हुए इस तकनीक के महत्व व भविष्य में इसकी आवष्यकता पर विस्तृत चर्चा की। संदीप टोडवाल, वैज्ञानिक, मृदा विज्ञान ने खरीफ फसलों में पोषक तत्व प्रबन्धन पर चर्चा करते हुए खरीफ फसलों में मुख्य पोषक तत्व की कमी व इनके प्रबन्धन की विस्तार से जानकारी दी गयी। प्रषिक्षण में उपस्थित कृषि विस्तार अधिकारी  श्री एम. एल. वर्मा ने सोयाबीन फसल में इल्लियों के प्रबन्धन, श्री के. जी. उईके ने सोयाबीन फसल में बाॅझपन, डी. एस. ठाकुर ने मक्का फसल में तना बेधक कीट का प्रबन्धन, एस. जी. पालीवाल ने अरहर फसल में सूखने की समस्या आदि पर अपने - अपने क्षेत्रों में आने वाली समस्याओं पर प्रष्न पूॅछे, जिनका प्रभावी तरीके से वैज्ञानिकों द्वारा निदान किया गया। प्रषिक्षण कार्यक्रम में विकासखण्ड इछावर, सीहोर, नसरूल्लागंज एवं आष्टा के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं श्री सलीम सलिक, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, इछावर भी उपस्थित रहे। प्रषिक्षण के उपरान्त कृषि विस्तार अधिकरियों द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, प्रक्षेत्र पर कृषक समुदाय हेतु प्रदर्षित तकीकों का अवलोकन व कृषि में इन तकनीकों की उपयोगिता पर जानकारी दी गयी। 

किसानों को सलाह
वर्तमान समय में किसान भाई सोयाबीन, मूॅग, उडद, अरहर, मक्का व धान फसल की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए निरन्तर फसलों की निगरानी रखें। सोयाबीन, मूॅग, उडद फसल में हरी कुण्डिलत इल्ली, तम्बाकू इल्ली, चने की इल्ली व चक्र भ्रंग कीट का प्रकोप होने पर ट्रायजोफाॅस 40 ई सी की 400 मिली. या प्रोपेनोफाॅस 50 ई. सी. या इमामेक्टिन बेन्जोएट 5 प्रतिषत एस. जी. की 100 ग्राम या इण्डोक्साकार्ब 15.8 प्रतिषत की 130 मिली. मात्रा प्रति एकड की दर से छिडकाव करें। साथ ही सफेद मक्खी कीट के प्रबन्धन हेतु इमिडाक्लोराप्रिड 17.8 एस. एल. की 50 -60 मिली. या थायोमिथाॅक्जाॅम 25 डब्लू जी की 50 ग्राम मात्रा का प्रति एकड की दर से छिडकाव करें। अरहर फसल में फाईटोक्थोरा ब्लाइट रोग के लक्षण दिखने पर कार्बेन्डाजिम 12 प्रतिषत $ मैनकोजेब 63 प्रतिषत की 400 ग्राम का प्रति एकड की दर से छिडकाव करें। धान व मक्का फसल में तना बेधक कीट के प्रकोप की सम्भावनायें हैं। जिसके प्रबन्धन हेतु ट्रायजोफाॅस 40 ई सी की 400 से 500 मिली. मात्रा का प्रति एकड की दर से छिडकाव करें। दवाओं का उपयोग करते समय किसान भाई नैपसेक पम्प (हैण्ड स्प्रे पम्प) में 150 से 200 लीटर पानी व पाॅवर पम्प में 75 लीटर पानी अनुसंषित इवाओं का घोल बनाकर प्रति एकड की दर से उपयोग करें। दवा छिडकाव हेतु होलोकोन नोजल का ही उपयोग करें। दवा छिडकाव में चिपको आवष्यक रूप से मिलायें। 

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