बड़वानी, 16 सितम्बर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मध्यप्रदेश को मद्य प्रदेश न बनने देने की अपील करते हुए कहा कि यहाँ के निवासियों को शराब बंदी से हुए सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को देखने बिहार आना चाहिये। बड़वानी के समीप राजघाट से नशा मुक्त आन्दोलन की मध्य प्रदेश में शुरुआत करने आये नीतीश कुमार ने भारी वर्षा के बीच नर्मदा बचाओ आन्दोलन के मंच से आज जनसभा को संबोधित करते हुए अपील की कि मध्य प्रदेश को मद्य प्रदेश नहीं बनने दिया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि शराब बंदी के चलते
बिहार में सकारात्मक सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन आया है और इसके चलते होने वाले अपराधों में कमी आयी है और महिलायें और परिवार खुशहाल हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि पूरे देश में शराब बंदी होती है तो बड़े सामाजिक बदलाव के साथ आर्थिक तरक्की देखने को मिलेगी और हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी जिसका उपयोग देश हित में होगा। उन्होंने कहा कि वे नर्मदा बचाओ आन्दोलन के सरदार सरोवर से जुड़े पुनर्वास और विस्थापन के मुद्दों को भी समर्थन देने आये हैं। उन्होंने कहा कि नर्मदा पट्टी की उपजाऊ जमीन और कई ग्राम डूब में आ रहे हैं और विस्थापितों का पुनर्वास नहीं हो सका है। इसके पूर्व समाजवादी नेता डा सुनीलम ने नीतीश कुमार को प्रेरणा स्त्रोत तथा देश के लिये आशा की किरण निरूपित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश उनकी ओर विकल्प के तौर पर देख रहा है। शराब बंदी से बिहार में जादुई परिणाम आये हैं और नशा मुक्त आन्दोलन 17 राज्यों से अपनी जनचेतना यात्रा आरम्भ कर रहा है।
सुश्री मेधा पाटकर ने सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित 45 हजार लोगों का पूर्ण पुनर्वास न होने की चर्चा करते हुए कहा कि नर्मदा नदी को समाप्त करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। उन्होंने राजघाट के कई परिवारों में शराब के कारण पुरुषों की मौत का जिक्र करते हुए देश भर में नशाबन्दी की वकालत की। श्री कुमार ने इसके पूर्व राजघाट स्थित महात्मा गांधी, कस्तूरबा गांधी और महादेव भाई देसाई के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की। उनके साथ जनता दल (यू) के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव के सी त्यागी भी थे। मंच पर मेधा पाटकर, मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन, समाजवादी नेता डा सुनीलम, राष्ट्रीय नशामुक्ति परिषद् के चेयरमैन व गांधीवादी नेता डा. सुब्बाराव भी थे।

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