नयी दिल्ली 27 जनवरी, सरकार ने आज कहा कि जनरल एंटी एव्याडेंस रूल (गार) एक अप्रैल 2017 से लागू होगा। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आज यहां जारी स्पष्टीकरण में कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 के तहत जनरल एंटी एव्याडेंस रूल (गार) के प्रावधान मूल्यांकन वर्ष 2018-19 यानी वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रभावी होंगे। गार के लागू होने और किन-किन शर्तों के तहत लागू नहीं होने के बारे में आयकर अधिनियम 1962 के नियम 10यू से 10यूसी में बताया गया है। गार के प्रावधान आयकर अधिनियम 1961 के अध्याय 10-ए में निहित हैं। हितधारकों और उद्योग संघों से गार प्रावधानों को लागू करने के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए अनुरोध किया गया था और केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा गठित एक कार्य दल का उठाए गये मुद्दों की जांच करने के लिए गठन किया गया। सीबीडीटी ने आज इसको लागू करने के बारे में स्पष्टीकरण जारी किये हैं। सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया कि गैर-कर वाणिज्यिक आधार पर अगर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) के आधिकारिक क्षेत्र को अंतिम रूप दिया गया है और इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य कर लाभ उठाना नहीं है तो गार लागू नहीं होंगे। गार लेनदेन की विधि को लागू करने के तरीके का चयन करने या चुनने के करदाता के अधिकार पर पारस्परिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि कर संधियों में दुरूपयोग रोकथाम नियमों को अपनाना ही सभी कर एव्याडेंस रणनीतियों से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। इसे देश के एंटी एव्याडेंस नियमों के माध्यम से हल करने की जरूरत होगी। हांलाकि अगर इसका कोई मामले को लाभ कर संधि में लाभ की सीमा के तहत निपटाया गया है तो गार लागू नहीं किया जाएगा। अगर पीसीआईटी/सीआईटी/ अनुमोदन पैनल ने एक वर्ष में व्यवस्था को सही माना है और उसके तथ्य और परिस्थितियां समान रहते हैं तो आने वाले वर्ष में उस प्रबंधन के लिए गार लागू नहीं होगा। गार को लागू करने के प्रस्ताव की पहले प्रधान आयकर आयुक्त/आयकर आयुक्त द्वारा जांच की जाएगी। दूसरे चरण में उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक पैनल द्वारा जांच की जाएगी। इसमें कहा गया है कि सरकार कर नियमों में निश्चितता और स्पष्टता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
शुक्रवार, 27 जनवरी 2017
एक अप्रैल से लागू होगा गार
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