नयी दिल्ली 26 जनवरी, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और देशभक्ति के जज्बे से लबरेज माहौल में अड़सठवें गणतंत्र दिवस के मौके पर आज राजपथ पर देश की सैन्य ताकत, वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी उपलब्धियों तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की अद्भुत झलक देखने को मिली। हल्की बूँदाबाँदी के बीच डेढ़ घंटे चले मुख्य समारोह कुल 23 झाकियाँ, सैन्य बलों, अर्द्धसैनिक बलों, एनसीसी, एनएसएस तथा एनएसजी के 15 मार्चिंग दस्ते, संयुक्त अरब अमीरात का एक मार्चिंग दस्ता तथा उनके बैंडों ने हिस्सा लिया। साथ ही स्कूली बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। लेकिन, सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र फ्लाई पास्ट और परेड के अंत में वायु सेना के विमानों तथा मोटरसाइकिल पर कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस के “श्वेत अश्व” के हैरतंगेज कर देने वाले कारनामे रहे। समारोह की शुरुआत इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने सलामी मंच पर आकर तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी तथा आबूधाबी के युवराज एवं संयुक्त अरब अमीरात की सशस्त्र सेनाओं के डिप्टी सुप्रीम कमांडर मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की अगवानी की जो इस साल समारोह के मुख्य अतिथि भी थे। झंडोत्तोलन और 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रधुन की तरंगों पर सुबह 10 परेड शुरू हो गयी। दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल एम.एम. नरवाने परेड कमांडर तथा दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल राजेश सहाय परेड के सेकेंड इन कमांड थे। परेड का समापन आठ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद लाल किले पर हुआ जहाँ 26 से 31 जनवरी तक भारत पर्व मनाया जा रहा है। सभी झाँकियां लोगों के दिखने के लिए इस दौरान लाल किले पर ही रखी जायेंगी।
गुरुवार, 26 जनवरी 2017
राजपथ पर दिखी सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विरासत
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