दुमका 26 जनवरी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्यवासियों से जाति, धर्म, वर्ग,सम्प्रदाय और क्षेत्रवाद की भावना से उपर उठर कर समृद्ध झारखंड के निर्माण के लिए पूरी निष्ठा,तत्परता और समर्पण के भाव से अपने दायित्वों को निर्वहन करने का आह्वान किया है। श्री दास ने आज राज्य की उपराजधानी दुमका में 68 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन में आयोजित मुख्य समारोह में राष्ट्रीय तिरंगा फराया और सशस्त्र पुलिस बल, एनएसीसी, स्काउट गाईड के जवानों के परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली।मुख्यमंत्री ने इस मौके पर विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि संवैधानिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक मूल्यों को अपना कर ही विकास के वास्तविक लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने माओवादियों को नाम लिये बगैर मुख्य धारा से भटके हुए लोगों से हिंसा का रास्ता छोड़कर खुशहाल राज्य निर्माण के विकास यात्रा में योगदान करने करने अपील की। उन्होंने विपक्षी दलों के साथ लोक सेवको, समाजसेवियों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि उनके सकारात्मक और अमूल्य सुझावों का वे स्वागत करते हैं। उन्होंने विपक्षी दलों से छोटे-छोटे मतभेदों को भुलाकर राज्यहित और लोकहित में राज्य के सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने का भी आह्वान किया।
श्री दास ने अपने संबोधन में राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सड़क, सिंचाई, रोजगार ,सुरक्षा सहित विकास और कल्याणकारी योजनाओं को सरजमीन पर उतारने की दिशा में त्वरित गति से कार्यान्वित और भावी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में विकास की गति को बढ़ाने और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के के लिए उग्रवाद उन्मूलन और अपराध की रोकथाम कर आम नागरिकों की सुरक्षा मुहैया कराने के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। राज्य के सुदूर क्षेत्रों में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस में समन्वय स्थापित कर नये सुरक्षा कैम्प खोले गये हैं। सरकार के इन प्रयासों से बीते दो वर्षो में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित घटनाओं में लगभग 40 प्रतिशत की कमी आयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रैयती खाताधारी को उचित हक दिलाने और उनके आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए छोटानागपुर काश्तकारी सीएनटी और संतालपरगना काश्ताकारी (एसपीटी) अधिनियम में संशोधन किया गया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य हित में विशेष कर आदिवासियों के हितो की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाये गये इस कदम से आदिवासियों के जमीन की लूट-खसोट और अवैध कब्जा करने की प्रवृति पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित होकर यहां के सीधे-सादे आदिवासियों को बहकाने का प्रयास कर रहे हैं। श्री दास ने कहा कि सरकार ने सीएनटी और एसपीटी अधिनियम में संशोधन का निर्णय आदिवासियों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए व्यापक परिपेक्ष्य और लोकहित में लिया है।

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