नयी दिल्ली 31 जनवरी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम् ने आज कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में सार्वभौमिक न्यूनतम आय (यूबीआई) की परिकल्पना की गयी है और इस पर अभी गंभीरता से विचार-विमर्श करने की जरूरत है। आर्थिक सर्वेक्षण के लेखक श्री सुब्रमणियम् ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के इसे संसद में पेश करने के बाद यहाँ संवाददाताओं से कहा कि गरीबी उन्मूलन की दिशा में यह परिकल्पना मील का पत्थर साबित हो सकती है। इसे पायलट के तौर पर पहले कुछ स्थानों पर परीक्षण किये जाने की जरूरत बताते हुये कहा कि इसके परिणाम के बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है क्याेंकि यह अभी सिर्फ और सिर्फ परिकल्पना मात्र है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि एक गैर-सरकारी संगठन ने मध्य प्रदेश में एक स्थान पर इसका परीक्षण किया है और उसका परिणाम उत्साहजनक है। उन्होंने कहा कि जन कल्याण के लिए अभी बहुत से सरकारी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं और उन कार्यक्रमों के साथ यूबीआई संचालित नहीं हो सकती है क्योंकि अभी जन कल्याण के कार्यक्रम पर सकल घरेलू उत्पाद का चार से पाँच प्रतिशत व्यय हो रहा है। यूबीआई पर भी करीब इतना ही व्यय का अनुमान है। इसलिए सभी कार्यक्रम एक साथ चलना संभव नहीं होगा। इसके लिए अन्य कार्यक्रमों को बंद कर सिर्फ यूबीआई को भी संचालित करना होगा जो फिलहाल वित्तीय रूप से व्यावहारिक नहीं है।
मंगलवार, 31 जनवरी 2017
यूबीआई एक परिकल्पना : सुब्रमणियम
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