बिहार : मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन को जा रहे छात्रों को पुलिस ने जबरन रोका - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

बिहार : मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन को जा रहे छात्रों को पुलिस ने जबरन रोका

  • बड़ी तादाद में शामिल थे दिव्यांग छात्र, पीरबहोर थाना के पास रोकने पर आक्रोशित हुए छात्र, दण्डाधिकारी ने बीच-बचाव कर मुख्यमंत्री के ओ॰एस॰डी॰ से करायी वार्ता।

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पटना. आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन एवं दिव्यांग स्टूडेन्ट्स फेडरेशन के बैनरतले आज मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन को जा रहे छात्रों एवं पुलिस कर्मियों में कई राउण्ड तीखी नांेक-झोंक हुई। दिन के बारह बजे पटना वि॰वि॰ गेट के पास जैसे ही छात्रों जुलूस की शक्ल मंे एकत्रित हुए। पीरबहोर थानाध्यक्ष कैसर आलम ने दल-बल के साथ पहुँच रोकने की कोशिश की। टाउन डी॰एस॰पी॰ कैलाश प्रसाद से ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य सचिव सुशील कुमार की बात करायी जिसमें तय हुआ कि जुलूस बी॰एन॰ काॅलेज तक जाएगा। लेकिन बाद में पीरबहोर थानाध्यक्ष जुलूस नहीं निकालने देने पर अड़ गए। बड़ी तादाद में शामिल नेत्रहीन छात्रों ने ए॰आई॰एस॰एफ॰ बैनरतले पी॰यू॰ गेट से मार्च किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों एवं पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। पीरबहोर थाना के पास कदमकुआं थानाध्यक्ष गुलाम सरवर एवं पीरबहोर थानाध्यक्ष के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल ने चारों तरफ से घेर लिया एवं आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं को गिरफ्तार करने लगे जिससे आंदोलनकारियों का आक्रोश और बढ़ गया। वहीं पर मौजूद जिला नियंत्रण कक्ष के दण्डाधिकारी एम॰एस॰ खान के हस्तक्षेप एवं मुख्यमंत्री आवास में प्रतिनिधिमंडल मिलवाने ले जाने का भरोसा दिलाने पर छात्र शांत हुए तथा पीरबहोर थाना के गेट पर सभा कर मांगों की पूर्ति नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतनावनी दी। दण्डाधिकारी के साथ पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के ओ॰एस॰डी॰ दिलीप कुमार से मिला जिसमें ए॰आई॰एस॰एफ॰ के जिला सचिव सुशील उमाराज, ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राष्ट्रीय छात्रा समिति की सह संयोजक आरती कुमारी, दिव्यांग छात्र के अध्यक्ष किशोर प्रसाद, सचिव विद्यानंद कुमार एवं अभय कुमार शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल ने दिव्यांग छात्रों की बन्द की छात्रवृति शीघ्र जारी करने, छात्रवृति की राशि बढ़ाकर 15 हजार करने, सरकारी नौकरियों मंे दिव्यांग छात्रों को 5 फीरसदी आरक्षण, दिव्यांग छात्रों को पी॰जी॰ तक निःशुल्क शिक्षा, राजकीय नेत्रहीन विद्यालय, कदमकुआं को 10$2 का दर्जा देने, सभी छात्राओं एवं अनुसूचित जाति/ जनजाति के छात्रों को पी॰जी॰ तक निःशुल्क शिक्षा के आदेश का पालन, ज्म्ज्.ैज्म्ज् में बी॰एड॰ कर बाध्यता खत्म करने, बी॰एस॰एस॰सी॰ की स्नातक स्तरीय स्तरीय परीक्षा रद्द करने एवं सी॰बी॰आई॰ जांच, सी॰टी॰ई॰टी॰ की तर्ज पर टी॰ई॰टी॰- एस॰टी॰ई॰टी॰ परीक्षा में दिव्यांगों को भी एस॰सी॰ का दर्जा देने, सी॰सी॰पी॰डी॰ लेखन नियमावली, 2012 के तहत वरीय लेखक की सुविधा प्रदान करने, मिण्टो नेत्रहीन छात्रावास की बदहाली दूर करने एवं सामाजिक सुरक्षा विकलांग पेंशन योजना की राशि 1000 रु॰ प्रतिमाह करने की मांग की। मुख्यमंत्री के ओ॰एस॰डी॰ दिलीप कुमार ने संवेदना जाहिर करते हुए खासकर दिव्यांग छात्रों की मांगों पर गंभीरतापूर्वक कार्रवाई की बात कही। पूरी समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराने एवं समाज कल्याण व शिक्षा विभाग का पत्र भेज त्वरित कार्रवाई की बात कही। आंदोलन में राज्य छात्रा संयोजिका लक्ष्मी कुमारी, संदीप कुमार, शैलेश मिश्रा, राज्य परिषद् सदस्य महेश कुमार, जिला उपाध्यक्ष जन्मेजय कुमार, जिला सह सचिव साजन झा, राजीव किशोर, विकास, सुभाष पासवान, तौसीक आलम, दिनेश कुमार, धीरज कुमार, चन्दन कुमार, राजीव रंजन, सैफ अली के अलावे बड़ी संख्या में दिव्यांग छात्र शामिल थे।

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