18 अप्रैल को एसजीएम, श्रीनिवासन प्रतिबंधित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 10 अप्रैल 2017

18 अप्रैल को एसजीएम, श्रीनिवासन प्रतिबंधित

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नयी दिल्ली, 10 अप्रैल, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की विशेष आम बैठक (एसजीएम) अब 18 अप्रैल को होगी। इस बैठक को रविवार को होना था लेकिन पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह सहित कुछ अन्य अयोग्य पदाधिकारियों के पहुंचने के कारण इसे रद्द करना पड़ा था। बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना के निर्देश पर एसजीएम को अब 18 अप्रैल को दिल्ली में कराने का फैसला लिया गया है। यह बैठक कल आयोजित होनी थी लेकिन अयोग्य अधिकारियों केे पहुंचने के कारण बोर्ड ने इसे 12 अप्रैल तक के लिये स्थगित कर दिया था जो अब 18 अप्रैल को होगी। इस बीच बोर्ड का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में पूछा कि क्या बीसीसीआई और राज्य संघों में अयोग्य ठहराये गये व्यक्ति 24 अप्रैल को होने वाली आईसीसी बैठक में हिस्सा लेने के लिये नामित किये जा सकते हैं। उच्चतम न्यायालय इस मामले में अगली सुनवाई 17 अप्रैल को करेगा। सीअाेए ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने याेग्यता के लिये लाेढा पैनल की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है जिसमें एक सिफारिश यह भी है कि 70 साल से अधिक उम्र का व्यक्ति बीसीसीआई और राज्य संघों में कोई पद नहीं ले सकता है। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन 72 साल के हैं जिसके कारण वह स्वत: ही प्रतिबंधित हो जाते हैं। इससे पहले बोर्ड ने बैठक स्थगित करते हुए कहा था कि वह सर्वोच्च अदालत के निर्देशों का इंतजार करेगा ताकि यह साफ हो सके कि क्या भारतीय बोर्ड या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) की बैठकों में कोई भी अयोग्य करार दिया गया पदाधिकारी हिस्सा ले सकता है या नहीं। बोर्ड का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति(सीओए) ने इस मामले में बैठक से दो दिन पूर्व भी अदालत से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की थी। वहीं सीओए ने सभी राज्य क्रिकेट संघों को रविवार होने वाली बैठक से पूर्व भी यह हिदायत दी थी कि केवल योग्य पदाधिकारी ही बैठक का हिस्सा बनें। कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना की अगुवाई में रविवार की बैठक में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन, सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव निरंजन शाह और केरल क्रिकेट संघ के पूर्व अध्यक्ष टीसी मैथ्यू पहुंच गये थे जिन्हें बोर्ड में लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करने के बाद अयोग्य पदाधिकारी करार दिया जा चुका है। 

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