पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव को मौत की सजा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 10 अप्रैल 2017

पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव को मौत की सजा

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इस्लामाबाद, 10 अप्रैल, पाकिस्तान की एक अदालत ने जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण सुधीर जाधव को आज मौत की सजा सुनायी जिस पर भारत ने कड़ा विरोध जताया, श्री जाधव को तीन मार्च 2016 को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा कि जाधव ने भारतीय खुफिया एजेंसी के लिये काम करने की बात स्वीकार की है और यह भी माना कि है उसने पाकिस्तान के विरुद्ध छद्म युद्ध छेड़ने तथा बलूचिस्तान में ताेड़फोड़ करने की योजना बनायी थी। फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने यह सजा सुनायी और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने इसकी पुष्टि की। सेना ने अभी उसे फांसी सजा देने की तारीख मुकर्रर नहीं की है। पाकिस्तान के इस कदम के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया। भारत ने कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत की ओर से मृत्युदंड सुनाये जाने को लेकर आज पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध जताया और कहा कि अगर न्याय के मूलभूत सिद्धांतों एवं अंतरराष्ट्रीय नियमों को दरकिनार कर जाधव को मौत की सजा दी गयी तो इसे उनकी सुनियाेजित हत्या समझी जायेगी। विदेश सचिव एस जयशंकर ने नयी दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त श्री बासित को तलब किया और उन्हें भारत का विरोध पत्र सौंपा जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि जाधव का पिछले साल ईरान से अपहरण किया गया था और पाकिस्तान में उनकी मौजूदगी के बारे में कभी भी विश्वसनीय जानकारी नहीं दी गयी। भारत सरकार ने अपने उच्चायोग के माध्यम से बार-बार उनसे अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप राजनयिक संपर्क स्थापित करने की अनुमति मांगी । पच्चीस मार्च 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच ऐसे 13 औपचारिक अनुरोध किये गये लेकिन पाकिस्तान सरकार ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। उल्लेखनीय है कि कथित जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव का पाकिस्तान में एक वीडियो जारी किया गया था जिसमें जाधव को जासूसी करने के आरोप को कबूलते हुए दिखाया गया था, भारत ने हालांकि इसका खंडन किया था। भारत सरकार ने इसे पठानकोट हमले में अपनी जिम्मेदारी से बचने की पाकिस्तान की कोशिश करार देते हुये उनके अपहरण की आशंका जतायी थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था,“ गिरफ़्तार व्यक्ति के बयानों से साफ़ संकेत मिलता है कि उससे ये बयान दिलवाए गए हैं और हम उसकी सलामती को लेकर चिंतित हैं।” इससे पहले ही पाकिस्तान की जेल में 20 सालों से बंद रहे भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी। सरबजीत को भी पाकिस्तानी कोर्ट ने भारतीय जासूस बताकर फांसी की सजा सुनायी थी।

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