नयी दिल्ली, 10 अप्रैल, दक्षिण भारतीय लोगों के बारे में भारतीय जनता पार्टी के एक पूर्व सांसद की कथित नस्लीय टिप्पणी पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने लोकसभा में आज कड़ी आपत्ति जतायी और उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग करते हुए भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही यह मुद्दा उठाया। बाद में कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने भी उनका साथ दिया। उनका कहना था कि भाजपा नेता की टिप्पणी बहुत ही आपत्तिजनक है और देश की एकता एवं अखंडता के लिए खतरा है। उन्होंने पूर्व सांसद के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कराने की मांग की। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद शून्यकाल में भी इस मामले को लेकर हंगामे के कारण कार्यवाही दो बार स्थगित की गयी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां जाति, धर्म एवं रंग के आधार पर कतई कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई कितनी ही बड़ी ताकत क्यों ना हो, उसे इस प्रकार के भेदभाव की इजाजत नहीं दी जा सकती। श्री सिंह ने कहा कि जिन पूर्व सांसद के बारे में बात की जा रही है, वह इस समय संसद के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं और उन्होंने बाद में अपने वक्तव्य में माना है कि उनका बयान किसी प्रकार से बचाव करने योग्य नहीं है। उन्होंने एक चैनल को इंटरव्यू में यह भी कहा है कि वह एक तमिल मां के दत्तक पुत्र हैं। इसके अलावा उन्होंने संसद भवन में 2015 के मानसून सत्र के दौरान एक प्लेकार्ड लेकर तमिल कवि तिरुवल्लुवरु के पथ पर चलने की बात कही थी इसलिये अब इस बात को उठाने का कोई औचित्य नहीं है।
सोमवार, 10 अप्रैल 2017
भाजपा नेता की दक्षिण भारतीयों पर टिप्पणी को लेकर लोकसभा में भारी हंगामा
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