पटना 07 अप्रैल, बिहार में 90 लाख रुपये के कथित मिट्टी घोटाले की निष्पक्ष जांच के लिए आज पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई। अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर की आेर से दायर जनहित याचिका(पीआईएल) में उच्च न्यायालय से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों की जमीन से निकाली गई मिट्टी को बिना टेंडर किये संजय गांधी जैविक उद्यान को 90 लाख रुपये में बेचने के घोटाले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में कहा गया है कि राज्य के पर्यावरण एवं वन मंत्री एवं श्री लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुये दबाव बनाकर अधिकारियों को उद्यान के सौंदर्यीकरण के नाम पर मिट्टी खरीदने के लिए बाध्य किया। मिट्टी खरीदने का सौदा डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड के जरिये हुआ और इस कंपनी में पर्यावरण एवं वन मंत्री तथा उनके छोटे भाई और राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव निदेशक हैं। याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा, “संजय गांधी जैविक उद्यान ने बिहार वन्य जीव संरक्षण कोष से 90 लाख रुपये की निकासी की है। नियमानुसार इस कोष से धनराशि की निकासी केवल वन्य प्राणियों की देखरेख के लिए ही की जा सकती है। यह दर्शाता है कि उद्यान के सौंदर्यीकरण के नाम पर सार्वजनिक कोष का गलत इस्तेमाल किया गया है।”
शनिवार, 8 अप्रैल 2017
मिट्टी घोटाले की जांच के लिए पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर
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