नयी दिल्ली, 10 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आजादी से ज्यादा महत्व स्वच्छता को देते थे और ‘स्वच्छाग्रही बनकर कार्यांजलि’ देना ही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी, श्री मोदी ने चम्पारण सत्याग्रह के सौ साल पूरा होने के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य से यहां राष्ट्रीय अभिलेखागार द्वारा आयोजित ‘स्वच्छाग्रह- बापू को श्रद्धांजलि-एक अभियान एक प्रदर्शनी’ का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जी मूल रूप से स्वच्छाग्रही थे। वह कहते थे कि जब तक लोग अपने गांवों और शहरों को नहीं बदलते हैं और खुद को बुरी आदतों से मुक्त नहीं करते हैं तथा शौचालय नहीं बनाते हैं तब तक आजादी का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने देश को आजादी तो दिला दी थी लेकिन आजादी के बाद स्वच्छ भारत का उनका सपना अधूरा रह गया था। आजादी के सत्तर साल बाद भी भारत गंदगी से मुक्त नहीं हो पाया था लेकिन 2014 में सरकार ने देश को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया और स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत करके उनके अधूरे सपने को पूरा करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने कहा कि अब सभी मिलकर उनके इस सपने को पूरा करने में लगे हुए हैं। स्वच्छ भारत मिशन एक जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले देश की 42 प्रतिशत आबादी ही शौचालय का उपयोग करती थी लेकिन अब 63 प्रतिशत आबादी शौचालयों का इस्तेमाल कर रही है और 130 जिलों के एक लाख अस्सी हजार गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के इस अभियान में राज्यों के बीच भी अब प्रतिस्पर्धा शुरू हो गयी है। सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और केरल खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं तथा गुजरात आदि राज्य भी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
सोमवार, 10 अप्रैल 2017
स्वच्छता की कार्यांजलि होगी गांधीजी को सच्ची श्रद्धांजलि : मोदी
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