बिहार : इंटर और मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य के बहिस्कार पर चिंता - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

बिहार : इंटर और मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य के बहिस्कार पर चिंता

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पटना, 11 अप्रैल। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल ने इंटर और मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य से षिक्षकों के बहिष्कार से उत्पन्न स्थिति पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है और मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करने वाले षिक्षकों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा की जा रही दमनात्मक कार्रवाई पर गहरा दुख व्यक्त किया है। पार्टी की ओर से आज जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार मूल्यांकन नहीं करने वाले षिक्षकों को निलंबित कर रही है, उनके वेतन पर रोक लगा रही है और उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराये जा रहे हैं। सरकार की इस दमनात्मक कार्रवाई की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी विरोध करती है क्योंकि इन कार्रवाईयों से स्थिति और ज्यादा बिगड़ेगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि बिहार में नियोजित षिक्षक समान काम के लिए समान वेतन की मांग लंबे समय से कर रहे हैं और इस मांग को लेकर आन्दोलन करते आ रहे हैं। षिक्षकों की यह मांग न सिर्फ वैधानिक रूप से जायज है, बल्कि नैतिक रूप से भी उचित है। सरकार को उनकी इस मांग को मान लेना चाहिए। लेकिन राज्य सरकार षिक्षकों की जायज मांग पर ध्यान नहीं दे रही है। जिसके कारण आज विषम स्थिति पैदा हो रही है। सबसे दुखद पहलू यह है कि षिक्षक नेताओं के साथ बातचीत करके कोई सकारात्मक रास्ता निकालने के बजाय सरकार षिक्षकों पर दमनात्मक कार्रवाई कर रही है। सरकार की दमनात्मक कार्रवाई से अन्य षिक्षकों में भी आक्रोष भड़क रहा है और अन्य षिक्षक भी नियोजित षिक्षकों के साथ एकजुटता दिखते हएु आन्दोलन पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी यह मानती है कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन समय से पूरा न होने पर परीक्षाफल के प्रकाषन में बिलंब होगा और उसका नुकसान राज्य के लाखों छात्र-छात्राओं को उठाना पड़ेगा। छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर आन्दोलनकारी षिक्षक नेताओं से सहानुभूतिपूर्वक सरकार बातचीत करे और उनकी जायज मांगों के बारे में जल्द सकारात्मक निर्णय ले ताकि उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य शीघ्र पूरा हो सके। विज्ञिप्त में यह भी कहा गया है कि षिक्षकों और सरकार के बीच तभी सौहार्दपूर्ण वार्ता होगी जब उसके अनुकूल वातारण हो। बातचीत का अनुकूल वातावरण तभी बन सकता है, जब सबसे पहले षिक्षकों के खिलाफ की गई कार्रवाई सरकार वापस ले और आगे कोई दमनात्मक कार्रवाई न करने का आष्वासन दे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे स्वयं इस मामले में हस्तक्षेप करे और लाखों छात्रों के हित को ध्यान में रखकर कोई सकारात्मक और स्वीकार योग्य रास्ता निकालें।

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