पटना, 11 अप्रैल। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने मोतिहारी की हनुमान शुगर मिल के दो मजदूरों नरेष श्रीवास्तव और सूरज बैठा द्वारा बकाया वेतन नहीं मिलने के विरोध में आत्महत्या करने की कोषिष की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है तथा आक्रोषित पुरूषों एवं महिलाओं पर पुलिस की दमनात्मक कार्रवाई की कड़ी निन्दा की है। आज यहां प्रेस को जारी अपने बयान में श्री सत्य नारायण सिंह ने कहा कि उक्त शुगर मिल के यहां उसके मजदूरों का वेतन लंबे काल से बकाया है। मजदूरों ने बार-बार बकाये वेतन के भुगतान की मांग की । लेकिन मिल प्रबंधक ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया । तंग होकर मजदूरों ने आन्दोलन की राह पकड़ी और 7 अप्रैल से मिल के गेट के सामने घरना पर बैठ गये। फिर भी मिल प्रबंधक और जिला प्रषासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। हतास और निराष होकर मजदूर यूनियन के महासचिव नरेष श्रीवास्तव और कोषाध्यक्ष सूरज बैठा ने मिल गेट पर ही आत्महत्या कर जान देने की कोषिष की। दोनों नेता बुरी तरह आग में झुलस गये। इस घटना से किसानों और मजदूरों में आक्रोष फूट पड़ा। शान्तिपूर्ण तरीके से मामले को सुलझाने के बजाय पुलिस ने दमनात्मक कार्रवाई पर उतर आयी और पुरूषों एवं महिलाओं को खदेड़-खदेड़ कर पीटा और गोलियाँ भी चलायीं। पुलिस की दमनात्मक कार्रवाई में कई लोग जख्मी हो गये हैं। आग में झुलसे नरेष श्रीवास्तव और सूरज बैठा की हालत गंभीर बनी हुई है और पटना अस्पताल में मौत से जूझ रहे हैं। यह एक दुखद बिडम्बना है कि जिस चंपारण की धरती पर किसानों के शोषण और उनपर होने वाले जोर-जुल्म के खिलाफ महात्मा गाँधी ने सत्याग्रह चलाया और आज उस सत्याग्रह की शताब्दी मनायी जा रही है, तो उसी चंपारण की धरती पर आजाद भारत की पुलिस किसानों और मजदूरों पर कहर वरपा रही है। श्री सिंह ने कहा है कि इस घटना के लिए न सिर्फ हनुमान शुगर मिल के मालिक दोषी है; बल्कि जिला प्रषासन और राज्य सरकार भी दोषी है। राज्य के अनेक चीनी मिलों के यहां किसानों और मजदूरों का करोड़ों रुपया बकाया है और उसका भुगतान नहीं हो रहा है। इसके बावजूद राज्य सरकार किसानों और मजदूरों के बकाये का भुगतान कराने में कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है। कम्युनिस्ट नेता श्री सत्य नारायण सिंह ने राज्य सरकार से मांग की है कि नरेष श्रीवास्तव और सूरज बैठा सहित अन्य घायलों को पर्याप्त मुआवजा दे, दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे तथा मजदूरों और किसानों के बकाये का भुगतान नहीं करने वाले मिल मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे तथा बकाये का शीघ्र भुगतान करावे।
मंगलवार, 11 अप्रैल 2017
बिहार : शुगर मिल के दो मजदूरों के आत्महत्या करने की कोशिश पर दुःख
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