जनता के पैसे पर डाका डाल रहे हैं केजरीवाल : भाजपा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 5 अप्रैल 2017

जनता के पैसे पर डाका डाल रहे हैं केजरीवाल : भाजपा

defamation-is-personal-case-kejriwal-cannot-make-delhi-govt-pay-lawyer-s-fees-bjp
नयी दिल्ली, 04 अप्रैल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी के बिल का भुगतान दिल्ली सरकार के खजाने से किये जाने को श्री केजरीवाल के भ्रष्टाचार, जनता के पैसे पर डाका और अनैतिकता की पराकाष्ठा करार दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अपनी आदत अनुसार वित्त मंत्री अरुण जेटली को बदनाम किये जाने को लेकर मानहानि के मुकदमे में श्री केजरीवाल ने अपने वकील श्री जेठमलानी को करीब चार करोड़ रुपये के बिल का दिल्ली सरकार के खजाने से भुगतान किया है और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने अपने अधिकारियों को उस फाइल को उपराज्यपाल के पास स्वीकृति के लिये नहीं भेजने के निर्देश भी दिये थे। श्री जावड़ेकर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी साफ किया है कि यह एक व्यक्तिगत मामला है। श्री केजरीवाल के मिथ्या आरोपों पर श्री जेटली ने मानहानि का मुकदमा कायम करने पर स्वयं अपनी आय से दस लाख रुपये की स्टाम्प ड्यूटी अदा की थी और अपने वकीलों को भी वह स्वयं अपनी आय से फीस देते हैं। लेकिन इस व्यक्तिगत मामले को लेकर भी श्री केजरीवाल ने सरकारी खजाने से वकील को भुगतान करके भ्रष्टाचार किया है। यह कदम ना केवल अवैध है बल्कि अनैतिकता की पराकाष्ठा भी है। उन्होंने सवाल किया कि अगर अदालत श्री केजरीवाल पर दस करोड़ रुपये के जुर्माने का फैसला सुना दे तो क्या वह उसका भुगतान दिल्ली की अाम जनता के पैसे से करेंगे। श्री केजरीवाल के खिलाफ ऐसे सात मामले लंबित है और उन पर सौ करोड़ रुपये का जुर्माना होता है तो भी क्या वह सरकारी खजाने का दुरुपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि डेंगू के उपचार और सफाई कर्मियों के वेतन देने के लिये केजरीवाल सरकार पैसे की कमी का रोना रोती है और अपने निजी मुकदमों में वकीलों की फीस भरने के लिये अवैध रूप से इतनी बड़ी रकम का भुगतान करती है। उन्हाेंने कहा कि दिल्ली नगर निगम का चुनाव आने वाला है। श्री केजरीवाल अपनी ईमानदारी का डंका पीट रहे हैं और दिल्ली की जनता देख रही है कि श्री केजरीवाल उसके पैसे पर किस प्रकार डाका डाल रहे हैं। श्री जेठमलानी द्वारा श्री केजरीवाल से पैसे नहीं लेने का बयान दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर श्री जावड़ेकर ने कहा कि सत्याग्रह में भाग लेने वाले कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मुकदमे में मदद करने वाले बहुत से वकील अपनी फीस नहीं लेते हैं लेकिन वे उसके लिये बिल भी नहीं भेजते हैं। श्री जेठमलानी ने इस मामले में बिल भेजा है जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। 

कोई टिप्पणी नहीं: