नयी दिल्ली, 09 अप्रैल, सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण हाेने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इसके दोनों तरफ आधा किलोमीटर के दायरे में शराब की दुकान बंद करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का सख्ती से पालन करेगी और इसमें ढ़ील देने के लिए पवों, होटलों, रेस्त्ररां मालिकों तथा शराब कारोबारियों के दबाव में नहीं आएगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर शराब की दुकानें बंद करने के लिए न्यायालय के आदेश का पालन कड़ाई से किया जाएगा। आदेश के पालन में कोई ढ़ील नहीं दी जाएगी और इसके कारण किसी को होने वाले नफा- नुकसान पर भी ध्यान नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शराब की दुकानों के हटने से रेस्त्रां, पबों आदि को होने वाले नुकसान से ज्यादा महत्वपूर्ण लोगों की जान है। शराब पीकर वाहन चलाने से लोगों की बड़ी संख्या में जानें जा रही हैं। उनका कहना है कि उद्योगों और व्यापारियों के फायदे से ज्यादा महत्वपूर्ण लोगों की जान बचाना है। शराब की दुकानें बंद करके यदि सड़क दुर्घटनाएं कम करके लोगों की जान बचायी जा सकती है तो इस दिशा में काम किया जाएगा और किसी के दबाव में आए बिना सख्ती से कदम उठाए जाएंगे। इस अधिकारी ने बताया कि भारत की सड़कों की छवि दुनिया में मौत की सड़कों की बन चुकी है। हमारे यहां हर साल पांच लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं जिनमें डेढ़ लाख से ज्यादा की मौत होती है जबकि दुर्घटना का शिकार हुए दो लाख से अधिक लोगों का जीवन बहुत कष्टप्रद हो जाता हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने एक अंतरराष्ट्रीय समझौता किया है जिसके तहत अगले तीन साल में देश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को आधा करना है।
रविवार, 9 अप्रैल 2017
राजमार्गों से शराब की दुकाने हटाने में नफा- नुकसान नहीं देखेगी सरकार
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