- छत्रसाल की प्रतिमा से गौरवान्वित होगा बुन्देलखण्ड, ढलाई शुरू
छतरपुर। अपने जीवनकाल में 52 लड़ाईयां जीतकर अजेय रहे महाराज छत्रसाल की 52 फुट ऊंची प्रतिमा को स्थापित करने का कार्य शुरू हो गया है। बीते रोज मऊसहानियां में गणमान्य नागरिकों के बीच धातु की ढलाई का कार्य वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्या भारती के राष्ट्र सहसंगठन मंत्री श्रीराम आरावकर ने कहा कि महाराजा छत्रसाल भारत के इतिहास के असली नायक हैं। देश के बच्चों को आज तक गलत इतिहास पढ़ाया गया। उन्होंने बताया गया कि अकबर महान था जबकि सच ये है कि ये सभी आक्रांता थे। उन्होंने विद्या भारती के आचार्यों से कहा कि वे बच्चों को देश का सच्चा इतिहास पढ़ाएं। श्रीराम आरावकर ने कहा कि महाराज छत्रसाल का बचपन भले ही अभाव में बीता हो लेकिन जब वे खड़े हुए तो उन्होंने न केवल सबसे बड़ी सत्ता को चुनौती दी बल्कि उसे शिकस्त भी दी। महाराज छत्रसाल का दानवता के खिलाफ मानवता का संघर्ष रहा है। उन्होंने महाराज छत्रसाल स्मृति शोध संस्थान के दो वर्षों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने जो अल्प समय में बड़ा संकल्प लिया और इसे पूरे करने जा रहे हैं वह एक मिशाल होगा और महाराज छत्रसाल की विशालकाय प्रतिमा लगाए जाने के साथ ही अन्य गतिविधियां पूरे राष्ट्र में विख्यात होंगी।
शोध संस्थान के सचिव राकेश शुक्ला राधे ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए संस्थान के दो वर्षों के कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने लोहा संग्रहण से लेकर महाराज छत्रसाल के जीवन पर आधारित परीक्षा आयोजित किए जाने की जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नेशनल काउंसिल ऑफ रूरल इंस्टीट्यूट के उपाध्यक्ष डॉ. भरत पाठक ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर उसे समय सीमा में पूर्ण करने का अलग ही आनंद होता है। शोध संस्थान ने जिस तरह से कार्य शुरू किया है उसे सभी को मिलकर करना चाहिए इससे समाज का भला होता है। एसपी ललित शाक्यवार ने कहा कि अच्छे काम करने निकलने वालों की पूरी प्रकृति साथ देती है। डॉ. पवन तिवारी के नेतृत्व में यह कार्य तेज गति से हुआ है। आने वाले समय में यह एक बड़ा पर्यटन केन्द्र बन जाएगा। उन्होंने कहा कि वे कहीं भी रहेंगे, महाराज छत्रसाल के दर्शन करने अवश्य आएंगे। मंच पर एडीएम डीके मौर्य, डॉ.पवन तिवारी आरएसएस के जिला संघचालक वीरेन्द्र असाटी, समाजसेविका नंदिता पाठक, संस्थान के अध्यक्ष भगवतशरण अग्रवाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। वहीं अतिथियों का स्वागत शोध संस्थान के सदस्य धीरेन्द्र शिवहरे, सहसचिव विनय चौरसिया, जयदेव सिंह बुन्देला, प्रो. पीके खरे, हर्ष अग्रवाल, गोविंद सिंह बुन्देला, अनिल अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम का संचालन गौरव दीक्षित और सुशील वैद्य ने किया।
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