शराब की फैक्ट्री लगवाने के बदले भी लालू परिवार को मिली करोड़ो की जमीन : सुशील मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 12 अप्रैल 2017

शराब की फैक्ट्री लगवाने के बदले भी लालू परिवार को मिली करोड़ो की जमीन : सुशील मोदी

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पटना 11 अप्रैल, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मिट्टी-मॉल घोटाले की कड़ी को आगे बढ़ाते हुये आज नया खुलासा किया और कहा कि शराब कारखाना लगवाने में मदद देने के एवज में राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष (राजद) लालू प्रसाद यादव के परिवार को राजधानी पटना में करोड़ो रुपये मूल्य की जमीन मिली है। श्री मोदी ने यहां जनता दरबार के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “श्री यादव की पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के कार्यकाल (2000-05) के दौरान उद्योगपति ओमप्रकाश कात्याल एवं अमित कात्याल की कंपनी आइसबर्ग इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड से पटना जिले के बिहटा में शराब कारखाना लगवाने में मदद देने के एवज में राजद अध्यक्ष के परिवार को पटना शहर में करोड़ो रुपये मूल्य की जमीन प्राप्त हुई है।” भाजपा नेता ने राजद अध्यक्ष पर जमीन के बदले काम में मदद करने का आरोप लगाते हुये कहा कि 28 सितंबर 2006 को ए. के. इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी गठित हुई, जिसमें अमित कात्याल और उनके भाई राजेश कात्याल एवं अन्य निदेशक थे। जून 2014 में श्री यादव के दोनों पुत्रों तेजप्रताप यादव (पर्यावरण एवं वन मंत्री), तेजस्वी प्रसाद यादव (उप मुख्यमंत्री) तथा दो पुत्रियां चंदा यादव और रागिनी लालू को निदेशक बनाया गया। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बाद वर्ष 2014 में ही ए. के. इंफोसिस्टम्स की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी श्री तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को दे दी गई। उन्होंने इस कंपनी के शेयरों के हस्तांतरण का ब्योरा देते हुये कहा कि 24 सितंबर 2011 से 29 सितंबर 2012 के बीच राजेश कात्याल ने महेश शर्मा को 500 शेयर हस्तांतरित किये। बाद में 13 जून 2014 को श्री शर्मा ने 10 रुपये अंकित मूल्य के 500 शेयर और अमित कात्याल ने अपने 3500 शेयर राबड़ी देवी को तथा 1500 शेयर तेजस्वी प्रसाद यादव को हस्तांतरित कर दिये। इस प्रकार लालू परिवार का ए. के. इंफोसिस्टम्स पर और इस कंपनी की आड़ में करोड़ो रुपये मूल्य की जमीन पर पूरी तरह से कब्जा हो गया। 


श्री मोदी ने कहा कि इस प्रकार कितनी चतुराई से लालू परिवार केवल 55,000 रुपये का निवेश करके करोड़ो रुपये की जमीन का मालिक बन बैठा। उन्होंने कहा कि चंदा यादव और रागिनी लालू अभी भी ए. के. इंफोसिस्टम्स की निदेशक हैं लेकिन वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद निदेशक पद से इस्तीफा देने के बावजूद श्री तेजस्वी यादव और श्रीमती राबड़ी देवी के पास ही इस कंपनी के शत-प्रतिशत शेयर हैं। भाजपा नेता ने राजद अध्यक्ष के परिवार पर डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेड इंडिया लिमिटेड के जरिये पटना के सगुना मोड़ के पास 200 करोड़ रुपये मूल्य की दो एकड़ जमीन और अब ए. के. इंफोसिस्टम्स के माध्यम से करोड़ो की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया और कहा कि इन दोनों कंपनियों के जरिये राजधानी पटना में करोड़ो की जमीन हथियाने में एक जैसी समानता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने ओडिशा के पुरी और झारखंड की राजधानी रांची में रेलवे के दो होटलों को गलत तरीके से सुजाता होटल के मालिक हर्ष कोचर को सौंपने के एवज में श्री कोचर से डिलाइट कंपनी के नाम दो एकड़ जमीन हस्तांतरित करा ली । पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय डिलाइट कंपनी में करीब 70 प्रतिशत हिस्सेदारी राजद सांसद एवं कंपनी मामलों के मंत्री प्रेम गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के नाम थी। इस कंपनी में श्री तेजप्रताप यादव, श्री तेजस्वी यादव और चंदा यादव को वर्ष 2014 में निदेशक नियुक्त किया गया और बाद में इस कंपनी पर पूरी तरह से लालू परिवार का कब्जा हो गया। इसी तरह शराब फैक्ट्री लगवाने में मदद देने के बदले कात्याल परिवार ने भी ए. के. इफोसिस्टम के नाम से कंपनी बनाकर करोड़ो रुपये की जमीन हस्तांतरित की। फिर इस कंपनी में भी श्री यादव के बेटे-बेटियों को निदेशक बनाया गया और बाद में पूरी कंपनी ही राजद अध्यक्ष के परिवार के नियंत्रण में आ गई। श्री मोदी ने कहा कि लालू परिवार द्वारा इन दोनों कंपनियों की आड़ में किये गये तिकड़म में एक समानता और है कि वर्ष 2008 में श्री कोचर को लाभ पहुंचाने का तोहफा श्री यादव के पुत्र और पुत्री को वर्ष 2014 में मिला, जब उन्हें डिलाइट कंपनी का निदेशक बनाया गया और इसी तरह कत्याल परिवार को पहुंचाये गये फायदे का इनाम भी वर्ष 2014 में ही मिला, जब ए. के. इंफोसिस्टम्स के शत-प्रतिशत शेयर वर्तमान उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हस्तांतरित कर दिये गये। 


भाजपा नेता ने दोनों कंपनियों से लालू परिवार को हुये फायदे पर कहा कि सरकारी पद पर रहते हुये किसी को लाभ पहुंचाने के एवज में जमीन या संपत्ति या पैसा काम कराने के पहले या बाद में लिया जाना भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के दायरे में आता है । इसलिए इस मामले की भी जांच होनी चाहिए। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर क्यों कात्याल परिवार ने श्री यादव के बेटों और बेटियों को ए. के. इंफोसिस्टम्स का निदेशक बनाया। आखिर क्यों कात्याल परिवार ने निदेशक पद छोड़ दिया और इस कंपनी की पूरी हिस्सेदारी लालू परिवार के पास रह गई। क्यों कात्याल परिवार ने कंपनी के सारे शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को हस्तांतरित कर दिये। क्यों कात्याल परिवार ने जमीन खरीदी और कुछ वर्ष बाद ही जमीन समेत पूरी कंपनी लालू परिवार को सौंप दी। श्री मोदी ने कहा कि श्री कात्याल से लालू परिवार का खून का रिश्ता नहीं था और रिश्तेदारी भी नहीं थी तो क्या शराब कारखाना लगाने में मदद देने के एवज में जमीन समेत कंपनी नहीं दी गई । उन्होंने कहा कि श्री तेजस्वी यादव और श्रीमती राबड़ी देवी बतायें कि केवल 55 हजार रुपये का निवेश कर करोड़ो रुपये की संपत्ति वाली कंपनी के मालिक कैसे बन गये और बतायें कि इस कंपनी की कौन-कौन सी जमीन पटना में कहां-कहां है। 

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