नयी दिल्ली 05 अप्रैल, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और इंडियन वुमेंस प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने पत्रकार पूनम अग्रवाल के खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करने की आज आलोचना की है। प्रेस क्लब और आईडब्ल्यूपीसी की तरफ से जारी साझा बयान में कहा गया, “ हम ‘क्विंट” की पत्रकार पूनम अग्रवाल के खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) और आत्महत्या के लिये उकसाने के मामले को दर्ज करने की निंदा करते है। यह स्पष्ट है कि वह सेना में ‘सहायक के रूप में काम करने का’ खुलासा करना चाहती थी और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है। प्रेस क्लब के अध्यक्ष गौतम लाहिड़ी और आईडब्ल्यूपीसी की अध्यक्ष शोभना जैन द्वारा संयुक्त रूप से जारी इस बयान में कहा गया है कि पत्रकार ने पहले ही कहा है कि उसने खबर के लिए सेना का बयान भी लिया है। उन्होंने कहा कि, “ पूनम अग्रवाल द्वारा प्राप्त सूचना से देश की अखंडता पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। हमें लगता है कि उनके खिलाफ ओएसए का मामला अनुचित है और इसे वापस लेना चाहिए। ” सेना के जवान लांस नायक रॉय मैथ्यू की आत्महत्या के बाद पिछले माह नासिक पुलिस ने पूनम अग्रवाल के खिलाफ ओएसए, अवैध तरीके से घुसपैठ और आत्महत्या के लिए मजबूर करने के तहत मामला दर्ज किया था। पूनम अग्रवाल ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए सैन्य अधिकारियों के घर पर सहायक के रूप में तैनात जवानों का मुद्दा उठाया था और इस स्टिंग के बाद पूनम को साक्षत्कार देने वाले जवान मैथ्यू ने आत्महत्या कर ली थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुये इस स्टिंग में कथित रूप से आरोप लगाया गया था कि सेना के वरिष्ठ अधिकारी अपने कनिष्ठ अधिकारियों से बूट पोलिस, कपड़े धाेना और पालतू जानवरों की देख रेख जैसे काम करवाते है।
गुरुवार, 6 अप्रैल 2017
प्रेस क्लब और आईडब्ल्यूपीसी ने की पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज करने की आलोचना
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