बैंकॉक, 11 अप्रैल, थाईलैंड के कट्टर लड़ाकों ने दक्षिण थाईलैंड में मुस्लिम अलगाववादियों के शर्तपूर्ण शान्तिवार्ता के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। बेरिसन रिवोलूसी नेशनल (बीआरएन) ने सोमवार को बताया कि अगर थाई सरकार के सामने ऐसी स्थिति आई तो वह दशकों पुराने विद्रोह पर औपचारिक बातचीत के लिए तैयार है। ये मांग अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की सहभागिता और तीसरे तटस्थ दल द्वारा मध्यस्थता करके रखी गयीं। प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओका ने उनके निमंत्रण को ठुकराते हुए कहा कि शांतिवार्ता आंतरिक मुुुद्दा है और इसमें किसी अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ या पर्यवेक्षक की आवश्यकता नहींं है। प्रयुथ ने कहा कि उन्हें मध्यस्थता करने की क्या जरूरत है? क्या इन समस्याओं को हम खुद हल नहीं कर सकते? एक स्वतंत्र सर्वे करने वाली संस्था डीप साउथ वाच ने बताया कि याला, पट्टनी और नरथीवत क्षेत्र में 2004 से शुरू हुए इस विद्रोह में अब तक 6500 से ज्यादा जानें जा चुकीं हैं। प्रयुथ ने कहा कि मलेशिया में एक दूसरे दल,मारा पट्टनी से बातचीत होगी, लेकिन स्थानीय जानकारों के अनुसार बड़े पैमाने पर निर्वासित विद्रोही जमीनी तौर पर मजबूत नहीं हैं। डीप साउथ वाच के निर्देशक स्रीसम्पोप जितपिरोमस्री ने कहा कि सरकार क्षेत्र में स्थायी शान्ति चाहती है तो उसे किसी भी बातचीत में बीआरएन को शामिल करना होगा। थाईलैण्ड द्वारा नए संविधान अपनाने के एक दिन बाद शुक्रवार को 23 हमले हुए, इस महीने हमलों में बढ़ोत्तरी हुई,जिनके बारे में पुलिस ने कहा कि कई वर्षों से इतना बड़ा हमला नहीं हुआ। किसी दल ने इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है और किसी मौत की कोई खबर नहीं है। 1909 में थाईलैण्ड में शामिल होने से पहले याला, पट्टनी और नरथीवत स्वतंत्र मलय मुस्लिम सल्तनत थीं। थाईलैण्ड के मुस्लिम बहुल क्षेत्र उन कुछ स्थानों में हैं जहां पिछले वर्ष हुए जनमत संग्रह में सेना द्वारा तैयार संविधान को अस्वीकार कर दिया गया था।
मंगलवार, 11 अप्रैल 2017
थाईलैण्ड में मुस्लिम विद्रोहियों से बातचीत इन्कार
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