योग को मिल सकता है ओलंपिक खेल का दर्ज़ा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

योग को मिल सकता है ओलंपिक खेल का दर्ज़ा

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नयी दिल्ली, 11 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने के बाद अब खेलों के महाकुंभ ओलंपिक में भी इसे एक खेल का दर्जा दिलाने के लिये गंभीरता से विचार हो रहा है। भारतीय योग संस्थान के 51वें स्थापना दिवस को देशभर में धूम धाम से मनाये जाने के साथ ही यह बात सामने आयी है कि ओलंपिक में योग को खेलों का दर्जा मिलना चाहिये। अभिनव बिंद्रा, एम सी मैरीकॉम,सायना नेहवाल ,सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त , पीवी सिंधू ,साक्षी मलिक ,लिएंडर पेस, कर्णम मल्लेश्वरी और गगन नारंग जैसे ओलंपिक पदक विजेता मानते हैं कि उनकी कामयाबी में योग ने बड़ी भूमिका निभाई है। शारीरिक,मानसिक और चारित्रिक विकास और चरित्र निर्माण के संदेश के साथ देश के जाने माने योग विशेषाग्यों और जानकारों ने पूरी दुनिया को योग से जोड़ने और योग को ओलंपिक खेलों का अभिन्न अंग बनाने का आह्वान किया। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं योग के प्रचार-प्रसार की बागडोर अपने हाथों में ले रखी है अौर खेल मंत्रालय भी इस ओर गंभीरता दिखा रहा है। ऐसा माना जाता है कि योग का जन्मदाता भारत है और अब भारत सरकार तथा भारतीय ओलंपिक संघ योग को ओलंपिक खेलों मे शामिल कराने के लिए दृढ़संकल्प हैं। इस दिशा मे योग दिवस पर देशभर मे अनेक सभा समारोहों का आयोजन किया गया। 


ऐसे ही एक शानदार आयोजन के चलते योग विशेषज्ञ वेद प्रकाश राठी ,इंद्रजीत दुग्गल ,रमेश चंद्र ,इंद्र सिंह और योग गुरुओं और शाखा प्रमुख अवतार सिंह तारी ,वीना सूद ने पश्चिम दिल्ली स्थित शहीद उधम सिंह पार्क में 500 से अधिक योग जानकारों ,साधकों और गुरुओं को संबोधित करते हुए कहा कि योग हर बीमारी का इलाज है। राजधानी के रोहिणी , सुभाष नगर ,राजौरी गार्डन,अशोक नगर ,नांगल राय और अन्य शाखाओं के साधकों को यह जानकार अपार प्रसन्नता हुई कि योग को विश्व की सबसे बड़ी खेल संस्था अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति भी गंभीरता से ले रही है और उम्मीद की जाती है कि निकट भविष्य में योग भारतीय खेल के रूप मे ओलंपिक मे शामिल हो सकता है। भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता पहले ही कह चुके हैं कि आईओए देश के प्रधानमंत्री और देश के योग गुरुओं और साधकों की भावनाओं को समझता है और योग को ओलंपिक खेल का दर्ज़ा दिलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। भारतीय योग संस्थान ने पिछले 50 वर्षाें में दुनियाभर में अपनी शाखाएं खोली हैं,जिनकी संख्या 3200 से अधिक है। योग गुरुओं के अनुसार देश के खिलाड़ी और तमाम क्षेत्रों से जुड़े लोग योग के महत्व को समझने लगे हैं। 

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