दरभंगा : उर्दू को रोज़गार से जोड़ना समय की मांग : अली अशरफ फातिमी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 22 मई 2017

दरभंगा : उर्दू को रोज़गार से जोड़ना समय की मांग : अली अशरफ फातिमी

  • अलमंसूर ट्रस्ट की ओर से पुस्तक विमोचन और मुशायरा

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दरभंगा-साहित्यिक दृष्टिकोण से दरभंगा की धरती पटना से किसी भी प्रकार से पीछे नहीं है उर्दू ज़बान को रोज़गार से जोड़ना समय की मांग है  इस सम्बन्ध में यूण्पीण्एण् के कार्यकाल में उर्दू को रोज़गार से जोड़ने के लिए मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी की दरभंगा में शाखा खोली गई थी  यह बातें पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली अशरफ फातिमी ने दरभंगा शहर के डॉन बास्को स्कुल परिसर में अलमंसूर एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा आयोजित महफिले मुशायरा और पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर कहीं  श्री फातमी ने कहा कि अलमंसूर ट्रस्ट काफी सक्रीय हैण् विगत कुछ वर्षों में ट्रस्ट की ओर से कई बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चूका हैण् इस अवसर पर दैनिक कौमी तंजीम के मुख्य सम्पादक एसण् एम्ण् अशरफ फरीद ने लोगों से अपील की कि उर्दू के फ़रोग के लिए आगे आयेंण् उन्होंने लोगों से उर्दू अख़बार खरीद कर पढने और अपने बच्चों में उर्दू की बुनयादी शिक्षा दिलाने की अपील कीण् मुशायरा से पहले क़तर से तशरीफ़ लाये अमजद अली सरवर की किताब ष्नदा.ए.हरमैनष् का विमोचन बुज़ुर्ग शायर प्रोण् अब्दुल मन्नान तरज़ी और कौमी तंजीम के मुख्य संपादक एसण् एम्ण् अशरफ फरीद हाथों हुआण् प्रोण् अब्दुल मन्नान तरज़ी ने अमजद अली सरवर को मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि सरवर एक कामयाब शायर हैंण् ट्रस्ट के सेक्रेटरी डाण् मंसूर खुश्तर ने भी अमजद अली सरवर को मुबारकबाद पेश कीण् उन्होंने कहा को देश से बाहर जो शायर, कवी और साहित्यकार ज़बानो अदब की सेवा कर रहे हैं उनमे अधिकतर का सम्बन्ध बिहार से हैण् इस अवसर पर फोन द्वारा मुश्ताक अहमद नूरी, प्रो मनाज़िर आशिक हरगानवी, मो शहाबुद्दीन, डाण् शहाब ज़फर आज़मी, प्रो इसराइल राजा और कामरान गनी सबा ने भी अपने विचार रखेण् डाण् मंसूर खुश्तर के धन्यवाद ज्ञापन के बाद पुस्तक विमोचन कार्यक्रम समाप्त हुआण् कार्यक्रम में डॉन बास्को स्कुल के प्रिन्सिपल रफ़ी आब्दी, डाण् एहसान आलम, डाण् मुजीर अहमद आज़ाद, डाण् इंतखाब हाश्मी, मंज़रुल हक मंज़र, नेयाज अहमद, मुम्ताज अहमद, इस्माई बाटलीवाला मुम्बई, रिजवान खान हैदराबाद, जुनैद आलम आरवी, खुर्षीद आलम, मानव्वर आलम राही, एकबाल मुष्ताक, फिरदौस अली एडवोकेट, मुस्ताफिज़ अहद आरफी, इनामूल हक़ बेदार, मो0 शमषाद, मो0 जावेद, मो0 वसीम सहित अधिक संख्या में कला प्रेमी मौजुद थे

पुस्तक विमोचन के बाद एक शानदार मुशायरा का भी आयोजन किया गयाण् मुशायरा की अध्यक्षता प्रो अब्दुल मन्नान तरज़ी ने की जबकि संचालन मोजीर अहमद आज़ाद ने कियाण् मुशायरा में सुनील कुमार तंग सीवान, अ0 मन्नान तर्जी, अमजद अली सरवर कतर, मनसुर खुशतर अशरफ याकूबी, अहमद मेराज कोलकाता आदि कवि  ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।

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