जोखिम में फंसे ऋण नियंत्रण से बाहर नहीं, वसूली हो सकती है : एसबीआई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 7 मई 2017

जोखिम में फंसे ऋण नियंत्रण से बाहर नहीं, वसूली हो सकती है : एसबीआई

lloan-may-recover-sbi
योकोहामा 06 मई, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक की अध्यक्ष अरुधंति भट्टाचार्य ने आज कहा कि जोखिम में फंसे ऋण नियंत्रण से बाहर नहीं हैं क्योंकि इस तरह की ऋण वाली अधिकांश कंपनियां भुगतान करने की स्थिति में है अाैर वे कारोबार कर रही हैं। श्रीमती भट्टाचार्य ने जापान के योकोहामा में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की वार्षिक बैठक के इतर कहा कि ऋण लेने वाली कंपनियां बुरे दौर से गुजर रही हैं लेकिन वे बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं और बुरे दौर से बाहर भी निकल सकती हैं। उन्होंने कहा कि ऋण लेेकर उसे जोखिम में फंसाने वाली अधिकांश कंपनियां अभी भी कारोबार कर रही हैं और वे ऋण चुका सकती हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियों के बुरे दौर से बाहर निकलने पर बैंक जोखिम में फंसे अधिकांश ऋण वसूल सकता है। उन्होंने उद्योगों के प्रति विश्वास जताते हुये कहा कि यदि उद्योग के पास ऋण की समस्या है तो उसके शेयर बेचने में मदद की जा सकती है। एक अनुमान के अनुसार अभी बैंकों के 12 लाख करोड़ रुपये के ऋण जोखिम में फंसे हैं जिनमें से नौ लाख करोड़ रुपये के ऋण एनपीए में तब्दील हो चुके हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: