नयी दिल्ली, 02 मई, उच्चतम न्यायालय ने पुलिस भर्ती में देरी को लेकर बिहार सरकार को आज फटकार लगायी। बिहार सरकार की ओर से मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष भर्ती का रोडमैप रखा गया, जिसे लेकर उसने गहरी नाराजगी जतायी। न्यायमूर्ति केहर ने कहा कि ऐसे प्रस्ताव देने वाले को जेल भेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “सरकार हमारा मजाक न बनाये, हम सरकार के पुलिसकर्मियों की भर्ती पर नजर रख रहे हैं। ” बिहार सरकार ने न्यायालय को अवगत कराया कि जुलाई 2019 यानी ढाई साल में 86 स्टेनोग्राफर की भर्ती पूरी होगी। इस पर न्यायालय ने नाराजगी भरे लहजे में पूछा कि क्या इस काम में इतना वक्त लगेगा? शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार के रोडमैप को भी ठुकरा दिया और नये रोडमैप के साथ आगामी शुक्रवार को दोबारा अतिरिक्त सचिव को पेश होने का निर्देश दिया। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार के रोडमैप पर मुहर लगायी। इसके मुताबिक, राज्य सरकार 25,487 सिपाहियों के पदों में से 4,537 की रिक्तियां जुलाई 2017 में पूरी कर लेगी, जबकि अगले तीन साल तक वह हर साल 8,000 सिपाहियों की भर्ती करेगी। इसी तरह 800 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती 2020 तक पूरी होगी। पीठ ने राज्य में 76 पुलिस उपाधीक्षकों की भर्तियों की प्रक्रिया भी जल्द पूरी करने का निर्देश दिया।
बुधवार, 3 मई 2017

पुलिस भर्ती मामले में बिहार सरकार को फटकार
Tags
# देश
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें