विशेष : सर्जिकल नहीं अब सर्जरी हो - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 2 मई 2017

विशेष : सर्जिकल नहीं अब सर्जरी हो

सीमा पर पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पहली मई को उसने एक बार घिनौनी हरकत को अंजाम दी है। जिस तरीके से पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम ने भारतीय सेना के जेओसी और बीएसएफ के हेड कांस्टेबल की हत्या के बाद शव से बर्बरता की है, वह अक्षम्य है। इसके लिए अब माकूल जवाब देंगे, सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे, कहने से काम नहीं चलेगा, बल्कि वक्त की मांग है कि पाकिस्तान की अब सर्जरी हो 





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बेशक, सौरभ कालिया से लेकर मनदीप तक जिस तरह पाकिस्तानी सैनिकों ने एक के बाद एक भारतीय सैनिकों की हत्या कर उनके शव को जिस तरह क्षति-विक्षत किया है, उससे साफ है पाकिस्तानी सैनिक इंसानों के भेष में जानवर हो चुके हैं। उनके लिए खून खुराक बन चुका है। जो जंग में कोई कानून नहीं मानते। हर रोज सीज फायर का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन करते हैं। कहा जा सकता है ऐसे राक्षसों का अब सिर्फ एक ही इलाज है उनके सीमा में घूसकर सर्जिकल नहीं बल्कि सर्जरी किए जाने की जरुरत है। क्योंकि पाकिस्तानी सैनिकों ने पहली मई को जम्मू-कश्मीर में पुंछ के कृष्णा घाटी में एक बार फिर घिनौनी हरकत को अंजाम दी है। सेना के दो जवान शहीद हो गए हैं। इस हमले के बाद पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम यानी बैट टीम ने जवानों के शव के साथ बर्बरता की। इस पूरी वारदात पर गौर किया जाए तो ऐसा लगता है कि इस घटना को सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है। ये महज गोलीबारी की घटना नहीं है। पूरी तैयारी के साथ बैट ने भारतीय सीमा में 200 मीटर अंदर दाखिल होकर हमारे जवानों को निशाना बनाया है। 

बता दें, पाकिस्तान की बैट टीम एलओसी पर भारतीय सैनिकों पर घात लगाकर हमले करने के लिए कुख्यात है। ये खास तौर से पेट्रोलिंग कर रहे जवानों को एम्बुस करती है। पाकिस्तानी बैट टीम में आतंकियों के साथ-साथ पाकिस्तानी सेना के जवान भी शामिल होते हैं। इस टीम के आतंकियों और जवानों को घात लगाकर हमला करने की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। ये टीम भारतीय जवानों पर हमला करने के बाद उनके शरीर को क्षत-विक्षत कर देती है। जब भी कभी सरहद पर बैट टीम कोई हमला करती है तो पाकिस्तानी सेना उन्हें कवर-फायर देती है। ताकि भारतीय सैनिकों को उनके एलओसी पर आने का पता न लगा सके। पाकिस्तानी सेना की फायरिंग में भारतीय सैनिकों का ध्यान भटका दिया जाता है। पाकिस्तानी सेना ने बैट टीम को इसलिए बनाया हुआ है ताकि पकड़े जाने पर इस टीम के सदस्यों को ये कहकर मानने से इंकार कर देगी कि वे उसकी सेना के जवान हैं। उन्हें वो आंतकी या फिर मुजाहीद या फिर (कश्मीरी) लड़ाके बताकर अपना पल्ला झाड़ सकती है। 

वर्ष 2011 में पाकिस्तानी बैट टीम ने पहले भी कुपवाड़ा में कुमाउं रेजीमेंट के जवान के शव को मारने के बाद क्षत-विक्षत कर दिया था। इसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन-जिंजर में पाकिस्तानी सेना के आठ जवानों को मार गिराया था। वर्ष 2013 में पाकिस्तानी बैट टीम मेंढर सेक्टर में सेना के जवान हेमराज का सर काटकर अपने साथ ले गई थी। उस वक्त तत्कालीन थलसेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने दावा किया था कि हेमराज के सर के बदले सेना ने पाकिस्तान के करीब 20 जवानों को मार गिराया था। भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही सेना को इस बात की आंशका थी कि पाकिस्तानी सेना इस अपमान का बदला लेने के लिए कोई ना कोई जवाबी कारवाई कर सकती है। और पहली मई को पूरी तैयारी के साथ भारतीय सीमा में दाखिल होकर हमारे जवानों को निशाना बनाया। 


अगर 2013 से अब तक देखा जाए तो बैट हर हमले के लिए तैयारी करता है। इस पूरी तैयारी के पीछे पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी आतंकी संगठन मसलन लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल का हाथ होता है। आज भी बार्डर पर पहले गोलीबारी हुई, मोर्टार दागे गए और फिर मौके का फायदा उठा कर बैट ने इस नृशंस घटना को अंजाम दिया। जिसमें सेना के नायब सूबेदार परमजीत सिंह और बीएसएफ के हेड कांस्टेबल प्रेम सागर शामिल हैं। इसके पहले साल 1999 में पाक सेना करगिल युद्ध के दौरान कैप्टन के शव के साथ भी बर्बरता की गई थी। फरवरी 2000 में मराठा रेजिमेंट के जवान भाव साहेब मारुति कालेकर के शव के साथ पाकिस्तान सैनिकों ने बर्बरता की। इसके बाद साल 2008 में गोरखा रेजिमेंट का एक जवान रास्ता भटक कर एलओसी के पार पहुंच गया था। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने ना सिर्फ उन्हें प्रताड़ित किया बल्कि उनके शव के साथ भी बर्बरता की। साल 2013 को तो भुलाया नहीं जा सकता जब इन्हीं कायर बैट कमांडो शहीद हेमराज का सिर काटकर अपने साथ ले गए थे। साल 2016 में भी इसी तरह की दो घटनाएं हुईं थी। 




(सुरेश गांधी)

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