नयी दिल्ली 13 जून, देश में बेरोजगारी बढ़ने के आरोप झेल रही मोदी सरकार ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था में औपचारिक क्षेत्र के साथ अनौपचारिक क्षेत्र के भी रोजगार के आँकड़े जारी किये जाएगें। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री डी.बी. सदानंद गौड़ा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में अपने मंत्रालय की तीन साल की उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए कहा कि सरकार ने अप्रैल 2017 से अनौपचारिक क्षेत्र में रोजगार के आंकड़े जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पूरी प्रक्रिया में लगभग एक वर्ष का समय लगेगा और दिसंबर वर्ष 2018 में पहला श्रम सर्वेक्षण जारी होने की उम्मीद है। इससे पाक्षिक आधार पर रोजगार के आंकडे एकत्र किए जा सकेंगे और रोजगार की प्रमाणिक स्थिति का पता लग सकेगा। उन्होंने बताया कि इस श्रम सर्वेक्षण में विभिन्न उद्योगों में उपलब्ध रोजगार के अवसरों की जानकारी होगी। इसमें उद्योगों में रोजगाररत लोगों की संख्या का पता लग सकेगा। शहरी क्षेत्रों के लिए रोजगार की उपलब्धता के आँकड़े तिमाही और ग्रामीण क्षेत्र के वार्षिक आधार पर जारी होंगे। श्री गौड़ा ने बताया कि इस तरह के आँकडों से सरकार में उच्च स्तर पर निर्णय लेने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार धीरे-धीरे सभी प्रकार के सर्वेक्षणों में संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय मानकों को ज्यादा से ज्यादा अपानाने पर जोर दे रही है।
बुधवार, 14 जून 2017
अनौपचारिक क्षेत्र में रोजगार के आँकड़े जारी करेगी सरकार
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