मुम्बई 14 जून, बैंको की गैर निष्पादित परिसंपत्तियाें (एनपीए) की वसूली को तेज करने के लिये रिजर्व बैंक सक्रिय हो गया है, बैंक ने ऐसे 12 खाताधारकों को चिह्नित किया है, जिनके ऊपर बैंकों के कुल फंसे कर्ज की एक चौथाई राशि है, केन्द्रीय बैंक के अनुसार जिन 12 खातों की पहचान की गई है, बैंको को उनके खिलाफ दिवालिया की कार्रवाई शुरू करने की हिदायत दी गई है। इन चिह्नित खातों में प्रत्येक में 5,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक का रिण है, जो बैंकों के कुल एनपीए का 25 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक ने इन बैंक खातों के डिफाॅल्टरों को सार्वजनिक नहीं किया है। रिजर्व बैंक ने चिह्नित 12 खातों को इनसाॅल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के अर्न्तगत तत्काल कार्रवाई के लायक पाया है। देश का बैंकिग क्षेत्र एनपीए के बढ़ते बोझ से मुश्किल में है। आठ लाख करोड़ रुपये के कुल एनपीए में से छह लाख करोड़ रुपये तो राष्ट्रीयकृत बैंकों के ही हैं। केन्द्रीय बैंक ने आंतरिक सलाहकार समिति का गठन किया था। समिति में केन्द्रीय बैंक के निदेशक मंडल के अधिकांश स्वतंत्र निदेशक रखे गये हैं। आईबीसी के अन्तर्गत एनपीए मामलों में क्या कार्रवाई की जानी है, समिति इस पर विचार विमर्श कर अपनी सिफारिशें देगी। समिति की 12 को पहली बैठक हुई। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि ऐसे खाते जिसमें मोटी रकम फंसी है, उस पर मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित किया जाये। समिति ने उन सभी खातों में आईबीसी के अर्न्तगत कार्रवाई करने की सिफारिश की है,जिन खातों में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का रिण बकाया है तथा 31 मार्च 2016 तक बैंकों ने जिनके 60 प्रतिशत से अधिक कर्ज को फंसा हुआ मान लिया है। उन शर्ताें के मुताबिक 12 खातों को चिह्नित किया गया है और इनके पास कुल एनपीए का करीब 25 प्रतिशत है। केन्द्रीय बैंक समिति की अनुशंसा पर बैंकों को चिह्नित खातों में दिवालिया की कार्रवाई करने के निर्देश देगा। समिति ने एनपीए से जुड़े अन्य खातों के लिये बैंकों से छह माह के अंदर योजना बनाने की सिफारिश की है। ऐसे खाते जिनमें बैंक छह माह के भीतर योजना नहीं बना पाते, इनमें आईबीसी के अर्न्तगत दिवालिया की कार्रवाई शुरू की जायेगी। केन्द्रीय बैंक अन्य एनपीए खातों के संबंध में योजना तैयार करने के लिए जल्दी ही विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा।
गुरुवार, 15 जून 2017
कुल एनपीए का एक चौथाई 12 खाताधारकों के पास : आरबीआई
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