रांची 06 जुलाई, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि संकल्प लेकर लक्ष्य की ओर बढ़ने से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। श्री दास ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “ हमें बनने की इच्छा नहीं बल्कि कुछ करने की इच्छा रखनी चाहिए तभी समाज में अलग मुकाम पाया जा सकता है। मन की तरह इच्छाएं भी चंचल होती है। अक्सर चंचल मन और चंचल इच्छाओं के कारण सफलता नहीं मिल पाती ।” मुख्यमंत्री ने राज्य से गरीबी समाप्त करने का संकल्प दुहराते हुए कहा कि वह हर हाल में अपने संकल्प को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि गरीबों के चेहरे पर मुस्कान लाना ही मेरी एवं सरकार की सफलता होगी। इस दिशा में हम काम भी कर रहे हैं।
श्री दास ने कहा कि सफलता पाने के लिए काम करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए। मनोबल ऊंचा रखो तो कठिन से कठिन काम में भी विजय प्राप्त होती है। ईश्वर ने दिव्यांग और गरीबों को भी शक्ति दी है। समाज में ऐसे कई लोग हैं जो कुछ करना चाहते हैं। ऐसे लोगों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें गरीबों के प्रति अपनी सोच बदलने की जरूरत है। घर में और साथ में काम करने वाले लोगों से उनके परिवार और बच्चों के बारे में जानकारी लीजिए, उनके साथ अपनापन का भाव रखिए। समाज में खुद-ब-खुद परिवर्तन आने लगेगा। जो परमात्मा मेरे भीतर है वही परमात्मा तेरे भीतर है यही सोच बढ़ाने की जरूरत है।” श्री दास ने शिक्षा का महत्व समझााते हुए कहा कि सामाजिक बदलाव लाने में शिक्षा का अहम योगदान है। लोगों को शिक्षित कर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है। शिक्षा से ही दकियानूसी विचार, कुरीतियों और रूढ़िवादिता से मुक्ति पाई जा सकती है। मुख्यमंत्री ने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए कहा कि उनकी जीवनी से हर किसी को सीख मिलती है। किस प्रकार गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद और देश में छुआछूत की प्रथा होने के बाद भी बाबासाहेब ने उच्च शिक्षा हासिल की और समाज को नई राह दिखाई।
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