- जीरो टालरेंस पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मुहैय्या कराएं-मुख्यमंत्री
अमरेन्द्र सुमन (दुमका-राॅची) मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दिन गुरूवार (09 अगस्त 2017) को स्वास्थ्य मामलों की उच्चस्तरीय समीक्षा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग जीरो टालरेंस पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मुहैय्या कराएं। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी अस्पतालों में किसी भी प्रकार की दवा की कमी न हो। मुख्यमंत्री के निदेश पर 11 करोड़ 94 लाख 54 हजार रूपये का आवंटन अस्पतालों को भेजा गया ताकि कोई मरीज दवा के लिए न भटके। मुख्यमंत्री गुमला में अस्पताल में दवा न रहने और मरीज द्वारा दवा खरीदने के क्रम में भटकने की घटना से आहत थे। उन्होंने सख्त निदेश दिया कि इन पैसों से अस्पताल दवा क्रय कर रखें। मुख्यमंत्री ने निदेश दिया कि किसी भी परिस्थिति में अस्पताल में होने वाली मृत्यु पर शव भेजने का प्रबंध अस्पताल प्रबंधन करें। सभी जिलों के सिविल सर्जन इसके लिए जवाबदेह होंगे। पूरी कड़ाई से अपने अधीनस्थ अस्पतालों में इसे वे लागू कराये। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निदेश दिया कि दो माह के अंदर सभी जिलों के लिए नए शव वाहन क्रय किए जाएं तथा इसे स्वयं आगे बढ़कर सेवा की भावना से संचालित कराने वाले समाज सेवकों के माध्यम से संचालित करवायी जाए। मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि रांची में टाटा कैंसर हाॅस्पीटल को रिनपास के पास भूमि आवंटित किया जाए । इससे संबंधित सभी कार्य निश्चित समय सीमा में पूरा करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अस्पताल प्रोफेशनल तरीके से चलाए जाएं। बिजली, पानी कोई समस्या हो तो संबंधित विभाग को खबर करने से पहले तुरंत अपनी व्यवस्था अपने स्तर से ठीक करें और भुगतान करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन साफ-सफाई का ध्यान रखें। गंदगी पाई गई तो कार्य न होने की स्थिति में अस्पताल प्रबंधक के विरूद्ध कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कहा कि सफाई दवा आदि के मामले में जीरो टालरेंस रहेगा। दोषी बख्शे नहीं जाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी निदेश दिया कि जिसकी भी कमी हो उसे प्राइवेट नर्सिंग होम जैसे पैसे देकर संविदा पर रखें। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन जिला के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों, अस्पतालों आदि का भ्रमण कर डाक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ, साफ-सफाई कर्मी एवं दवा की उपलब्धता को देखें- कमी हो तो तुरंत कार्रवाई करें अन्यथा शासन की नजर में वे ही जिम्मेवार होंगे। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि मेडिकल क्षेत्र की छोटी-छोटी 15-16 सेवाओं को कौशल विकास से जोड़ा जाए तथा कोशल विकास के द्वारा राज्य के लोगों को प्रशिक्षित कर रोजगार दिया जाए। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में किसी भी अस्पताल का मैं औचक निरीक्षण करूंगा। उन्होंने कहा कि हर कठिनाई हम दूर करेंगे पर जनता से जुड़े मामलों में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। श्री रघुवर दास ने स्वास्थ्य विभाग को यह निदेश दिया कि अगले शैक्षणिक वर्ष से मेडिकल काॅलेज में तीन नए मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो। इसके लिए सभी उपाय अभी से शुरू कर दें। बैठक में मुख्यमंत्री के अलावे स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रामचन्द्र चन्द्रवंशी, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त अमित खरे, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, एनआरएचएम निदेश कृपानन्द झा, निदेश प्रमुख डाॅ सुमंत मिश्रा, रिम्स डायरेक्टर डाॅ बीएल श्रेवाल, पैशोलाॅजी के विभागाध्यक्ष डा आर के श्रीवास्तव मौजूद थे।
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