लालू की रैली में शामिल हुये तो जीवन की पूंजी स्वाहा कर लेंगे शरद : जदयू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 19 अगस्त 2017

लालू की रैली में शामिल हुये तो जीवन की पूंजी स्वाहा कर लेंगे शरद : जदयू

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पटना 19 अगस्त, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने महागठबंधन से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से गठजोड़ करने के श्री नीतीश कुमार के फैसले के बाद बागी हुये पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को चेतावनी देते हुये आज कहा कि पार्टी उनकी वरिष्ठता का सम्मान करते हुए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है लेकिन वह 27 अगस्त को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की होने वाली रैली में शामिल हुये तो उसी दिन उनके जीवन की पूंजी खुद स्वाहा हो जाएगी। जदयू के महासचिव के. सी. त्यागी और राज्यसभा सदस्य हरिवंश ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में श्री यादव को पार्टी से निकाले जाने के सवाल पर स्पष्ट जवाब देने से बचते हुये कहा, “पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के बावजूद केवल उनकी वरिष्ठता का सम्मान करते हुये उन्हें अभी तक पार्टी से निकाला नहीं गया है लेकिन यदि वह 27 अगस्त को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की होने वाली रैली में शामिल हुये तो उसी दिन उनके जीवन की पूंजी खुद स्वाहा हो जाएगी।” श्री त्यागी ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुमार जहां केंद्र सरकार के नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक के अलावा महिला आरक्षण का समर्थन कर रहे थे वहीं श्री शरद यादव लगातार इन मुद्दों पर पार्टी की लाइन से हटकर बयान दे रहे थे। हद तो तब हो गई जब श्री कुमार ने जदयू के विधायकों, विधान पार्षदों, सांसदों और कार्यकर्ताओं की सहमति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद का समर्थन किया लेकिन श्री यादव विपक्षी दलों के साथ मिलकर पार्टी के इस फैसले का विरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इतना कुछ होने के बाद भी उनका सम्मान करते हुये उन्हें पार्टी से नहीं निकाला गया बल्कि केवल राज्यसभा में जदयू के नेता पद से हटाया गया है। 


जदयू महासचिव ने कहा, “श्री शरद यादव की पार्टी विरोधी गतिविधियों से हम गुस्सा नहीं है बल्कि अफसोस है कि लाेकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉ. राममनोहर लोहिया और जननायक कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा के पैरोकार रहे हमारी पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ऐसे व्यक्ति (लालू प्रसाद यादव) और उनके परिवार के भ्रष्टाचार और परिवारवाद की नीति के समर्थन में उतरकर उनकी रैली में शामिल होने जा रहे हैं, जो केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई), आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के घेरे में है।” श्री त्यागी ने कहा कि जदयू का गठन भ्रष्टाचार और परिवारवाद का समर्थन करने के लिए नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि श्री कुमार के साथ होने से श्री शरद यादव का पूरे देश में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा थी लेकिन उन्होंने श्री लालू प्रसाद यादव के साथ जाकर अपना रुतबा और सम्मान सब खो दिया है। उन्होंने कहा कि यदि श्री शरद यादव श्री लालू प्रसाद यादव की रैली में गये तो यह लक्ष्मणरेखा लांघने जैसा होगा। महासचिव ने कहा कि श्री कुमार ने पार्टी के सभी विधायकों, विधान पार्षदों, सांसदों और कार्यकर्ताओं की सहमति से महागठबंधन से अलग होने का निर्णय लिया था क्योंकि पूरी पार्टी का कहना था कि उनका राजद के साथ मिलकर काम करना मुश्किल हो गया है, खासकर तब जब राजद कोटे से उप मुख्यमंत्री बने तेजस्वी प्रसाद यादव भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि जदयू के महागठबंधन से नाता तोड़ने के फैसले पर श्री शरद यादव को ऐतराज था। इस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुमार ने उन्हें असहमति के बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए आज की कार्यकारिणी बैठक में आमंत्रित किया लेकिन वह नहीं आये। 

श्री त्यागी ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने पर धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देने वालों के खिलाफ जमकर हमला बोला और कहा, देश में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में श्री कुमार मंत्री थे। उस समय भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए रथयात्रा निकाली। इसे रोकने के लिए सरकार की ओर से ठोस पहल नहीं होता देख उन्होंने केवल धर्मनिरपेक्षता के लिए सरकार का साथ छोड़ दिया था।” उन्होंने कहा कि जदयू को धर्मनिरपेक्षता का पाठ नहीं पढ़ाया जा सकता। महासचिव ने शरद गुट के जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समानांतर बैठक को लेकर पार्टी में टूट के सवालों को सिरे से खारिज करते हुये कहा, “जब पार्टी की 19 में से 16 राज्य कमेटियों के अध्यक्ष, 71 विधायक, 30 विधान पार्षद, सात राज्यसभा सांसद और दो लोकसभा सांसद आज कार्यकारिणी की बैठक में उपस्थित थे और वे हमारे साथ हैं तो यह कैसे कहा जा सकता है कि पार्टी में टूट है। श्री त्यागी ने शरद गुट के 14 राज्य कमेटियों के अध्यक्षों के उनके साथ होने के दावे पर कहा कि जो लोग इस तरह के दावे कर रहे हैं, उन्हें खुली चुनौती है कि वह कार्यकारिणी में शामिल कमेटी के पदाधिकारियों, विधायकों, विधान पार्षदों और सांसदों को अलग करके दिखायें। 

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