- मोबाइल है पर शौचालय नहीं है
नालंदा.इस जिले में है हरनौत प्रखंड.लोदीपुर ग्राम पंचायत की हैं मुखिया आशा देवी.मुखिया जी का निवास है इम्ब्राहिमपुर में.मुखिया जी के गृह पंचायत से नौकरी की तलाश में पलायन करने को मजबूर हैं.पलायन करके जाने वाले लौटकर आने वालों के समक्ष घर में विकट संकट उत्पन्न हो जाती है.उनको जमीन के अभाव में खुले मैदान में शौचक्रिया करने को मजबूर हैं. जब जीवा के कार्यकर्ता इम्ब्राहिमपुर में स्वच्छता क्रांति रथ से कार्यक्रम पेश करने गये तब सुनैना देवी ने आपबीती बयान की.हमलोग आधे कट्टे जमीन पर चार परिवार रहते हैं.अव्वल राजेंद्र तांती और मालो देवी के 3 लड़के व 1 लड़की,रामधनी तांती और बेबी देवी के 3 लड़के व 3 लड़कियां,धनश्याम तांती और सुगनी देवी के 2 लड़के व 3 लड़कियां और होरिल तांती और रामरति देवी के 3 लड़के व 1 लड़की.इस तरह कुल 19 हैं. इनके लिये शौचालय नहीं है.सभी खुले में शौच करते हैं.सभी के पास मोबाइल है. यहां पर तांती समुदाय के 50 घर हैं.386 जनसंख्या है.केवल 3 तांती मैट्रिक पास हैं.इस समुदाय के अधिकांश लोग ईंट भट्टे में काम करते हैं.भट्टे के मालिकों से 20-30 हजार रु.लेते हैं.महाजनों व अन्य जरूरतों को पूर्ण करते हैं. इसके बाद कार्य करने जाते हैं.वहां पर उनको 1000 हजार रू. खुराकी मिलती है. वहां से लौटते समय 10 हजार रू.लेकर आते हैं. वह काम करने पर निर्भर है. इस तरह मजदूरों को किसान भी नहीं रोक पाते है. मर्द-महिला को समान मजदुरी में अढ़ाई किलो चावल दिया जाता है.यहां पर रहने वाले कर्ज में डूबे रहते हैं 5 रू.सैकड़ा व्याज पर ऋण लेते हैं.
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