हिंसा व अपराध नियंत्रण पर वियना, आँस्ट्रिया में सम्पन्न हुआ वैश्विक सम्मेलन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 27 फ़रवरी 2018

हिंसा व अपराध नियंत्रण पर वियना, आँस्ट्रिया में सम्पन्न हुआ वैश्विक सम्मेलन

  • भारत का प्रतिनिधित्व डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने किया

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ऋषिकेश, 27 फरवरी। आॅस्ट्रिया की राजधानी वियना में स्थित द किंग अबदुल्ला सेन्टर फार इण्टरकल्चरल एण्ड इण्टरफेथ डायलाग (केएआईसीआईआईडी) में हिंसा और अपराध नियंत्रण हेतु तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में विभिन्न धर्मो के 100 से अधिक धर्मगुरूओं, अभिनेता, संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारी एवं विश्व के अलग-अलग देशों से प्रतिनिधियों ने सहभाग कर हिंसा, अत्याचार और अपराध नियंत्रण हेतु कार्ययोजना के क्रियान्वयन की योजना बनायी।  तीन वर्ष पूर्व हिंसा और अपराध नियंत्रण हेतु रीजनल बैठक बैंकाक, में हुई थी जिसमें परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज एवं डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने सहभाग किया था। जुलाई माह में यूÛ एनÛ ओÛ के महासचिव द्वारा इसका शुभारम्भ किया  गया था उस समय भी साध्वी भगवती सरस्वती जी उपस्थित थी और उस मंच पर उन्होने अपने विचार व्यक्त किये थे। द किंग अबदुल्ला सेन्टर फार इण्टरकल्चरल एण्ड इण्टरफेथ डायलाग (केएआईसीआईआईडी)  के सलाहकार बोर्ड में पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को स्थान मिला हुआ है।  इस वैश्विक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी एवं डाॅ चिन्मय पण्ड्या जी, देव संस्कृति विश्व विद्यालय ने किया।  इस सम्मेलन में हिंसा को बढ़ावा देने से रोकने के लिये महत्वपूर्ण एवं प्रभावी कदम उठायें गये। साथ ही हिंसा की उत्तेजना को रोकने के लिये एक प्रभावी कार्ययोजना का क्र्रियान्वयन किया गया। इस बैठक में अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर हिंसा को रोकने के ठोस उपायों को केंद्रित कर प्रतिभागियों ने अपने विचार साझा किये।  वहां पर सर्वसम्मत्ति से यह प्रस्ताव रखा गया कि अगर हम स्थायी शान्ति, न्याय और एक समावेशी समाज की स्थापना करना चाहते है तो इस ओर कार्य कर रहे युवाओं, महिलाओं और शान्ति राजदूतों को वैश्विक मंच पर लाकर सम्मानित करना होगा जिससे शान्ति का संदेश पूरी दुनिया में प्रसारित हो सके।

वहां उपस्थित कई अभिनेताओं ने व्यक्तिगत रूप से विभिन्न कार्यो, अपने नेटवर्क और तरीकों के माध्यम से  साझेदारी के साथ कार्य करने की योजना तैयार करने के लिये प्रतिबद्धतायें प्रस्तुत की। डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा, ’हमें हिंसा की आग को बुझाने एवं अपराधों को रोकने का प्रयास करना चाहिये। हमें हिंसा से बचने के साथ उस हिंसा को पूर्ण रूप से समाप्त करने का प्रयास करना चाहिये, ताकि ऐसे अपराध फिर से घटित न हो सके।  जघन्य अपराध, अलगाव में निहित है; ’’हम बनाम वे’’ की भावना में विद्यमान हैं। अतएव हमें ’हम एक है’ की धारणा पर जोर देना चाहिये। उन्होने कहा कि जीवा संगठन ने साबित किया है कि एक महान उद्देश्य के लिये विभिन्न धर्मों को एक मंच पर लाना महान उद्देश्य की पूर्ति का शक्तिशाली उपकरण है। गरीबी, दूषित जल या डायरिया जैसी बीमारियों एवं समस्याओं के विरूद्व मिलकर कार्य करना उपदेश देने से कहीं बेहतर है।’  इस सम्मेलन में केआईसीआईडीआईडी के महासचिव फैजल बिन अब्दुलरहमान बिन मुअमर ने कहा, यदि हम सकारात्मक बदलाव चाहते है तो मुझे लगता है कि हमें लोगों, नेताओं और धार्मिक संस्थानों से इस पर नीति निर्माताओं का समर्थन करने की जरूरत है। क्षेत्रीय एवं धार्मिक संस्थाओं को अपने स्थानीय समुदायों से जमीनी परिणामों के क्रिर्यान्वयन में योगदान करने की जरूरत है।’  धार्मिक और पारंपरिक शान्तिवादियों के नेटवर्क के कार्यकारी निदेशक ऐंटी पेन्टीकेनेन ने कहा, ’कोई भी धर्म स्वस्थ नहीं रह जायेंगा यदि उनके नेताओं ने नफरत के खिलाफ उकसाया और विरोध नहीं किया तो। आज मानवता दांव पर है और अब धर्मो की विरासत का भी सवाल है इसलिये हिंसा और विभाजन को ईंधन देना बंद कर दिया जायें।’  इस सम्मेलन में साइद अली अब्बास राजवी, डायरेक्टर जनरल स्कोटिश अहलुल बेयास सोसाइटी, डाॅ अजा करम, मुख्य सलाहकार सांस्कृतिक, यू एन ओ पापुलेशन फण्ड, बोनी एबान्स हिल चर्च आफ इंग्लैण्ड एवं बौद्व सन्यासियों ने सहभाग किया।

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