दुमका : राष्ट्र कवि दिनकर की पुण्यतिथि पर कवि गोष्ठी का आयोजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 25 अप्रैल 2018

दुमका : राष्ट्र कवि दिनकर की पुण्यतिथि पर कवि गोष्ठी का आयोजन

dinkar-condolance-dumka
दुमका (अमरेन्द्र सुमन)  राष्ट्र कवि रामधारी   सिंह दिनकर की पुण्यतिथि के अवसर  पर दिन मंगलवार को  राष्ट्रीय कवि संगम के बैनर तले  कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता अरुण कुमार सिन्हा ने किया।   उपस्थित कवियों ने  राष्ट्र कवि  दिनकर को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। बाद में  काव्य पाठ किया।  अध्यक्ष ने दिनकर जी के काव्य का पाठ किया।  युवा कवि अभिषेक ने बाल उत्पीडन एवं बलात्कार पर मार्मिक कविता प्रस्तुत किया। , विष्णुदेव महतो  ने "कैसे कहूँ की" राष्ट्रभाव की कविता का पाठ किया। गोष्ठी  का संचालन  सौरभ सिन्हा ने किया। माँ एवं दोस्ती पर अपनी भावुक रचना का पाठ किया।  उत्तम  कुमार डे ने "सरहद की मिट्टी से माँ की मूरत" शीर्षक कविता सुनाकर गोष्टि में ऊर्जा का संचार किया, मनोज कुमार घोष ने "दुमका की धरती" कविता का पाठ किया।दुमका इकाई के महासचिव पियूष राज ने आग शीर्षक कविता को सभी ने बहुत ही पसंद किया।अंजनी शरण ने "लड़ता रहूँगा अंत तक" कविता का पाठ किया वहीँ अंजनी सिन्हा जी ने "जिल्दसाज हूँ बेवफा" प्रस्तुत किया और तारीफ बटोरी।केशव सिन्हा ने दिनकर जी के जीवन पर विस्तार से चर्चा की और काव्य पाठ किया।तत्पश्चात संगम के इकाई अध्यक्ष रोहित सिन्हा ने श्रृंगार रस की कविता पाठ कर और कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अरुण सिन्हा जी ने अध्यक्षीय संबोधन से कार्यक्रम की समाप्ति हुईं।इस गोष्टि के मासिक आयोजन की प्रतिबद्धता के साथ कविगणों एवं कई श्रोताओं की उपस्थिति थी। गोष्ठी में अरुण कुमार सिन्हा, मनोज घोष,अंजनी सिन्हा, केशव सिन्हा, अंजनी शरण, उत्तम कुमार डे, सौरभ सिन्हा, अभषेक कुमार दुबे, पियूष राज, रोहित अम्बष्ठ,विष्णु देव महतो, एवं अन्य श्रोता उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं: