भाजपा को न केवल सत्ता से बल्कि उसकी पूरी राजनीति को खारिज करें: दीपंकर भट्टाचार्य - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 26 अप्रैल 2018

भाजपा को न केवल सत्ता से बल्कि उसकी पूरी राजनीति को खारिज करें: दीपंकर भट्टाचार्य

  • अरवल के लक्ष्मणपुर बाथे में शहीदों को श्रद्धांजलि देकर पदयात्रियों को किया पटना रवाना.
  • गया से चली पदयात्रा जहानाबाद के मखदुमपुर पहंुची.
  • शाहाबाद की यात्रा गड़हनी में करेगी रात्रि विश्राम.
  • दरभंगा से चली पदयात्रा मुजफफरपुर के कई इलाकों से गुजरते बोचहां पहुंची.

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पटना 26 अप्रैल 2018, भाकपा-माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने भाजपा भगाओ-बिहार बचाओ जनअधिकार पदयात्रा के तहत आज अरवल के लक्ष्मणपुर बाथे में शहीद स्मारक पर माल्यार्पण किया और अरवल से पटना तक जाने वाली पदयात्रा को विदाई दी. इस मौके पर उनके साथ वरिष्ट पार्टी नेता रामजतन शर्मा, पार्टी के बिहार राज्य सचिव कुणाल, अरवल जिला सचिव महानंद, केंद्रीय कमिटी के सदस्य संतोष सहर, राज्य कमिटी सदस्य रविन्द्र यादव सहित कई माले नेता उपस्थित थे. पदयात्रा में बड़ी संख्या में मजदूर-किसान, महिलायें व कमजोर वर्ग के लोग शामिल हैं. यह वही लक्ष्मणपुर बाथे है, जहां 1 दिसम्बर 1997 की काली रात को संघ-भाजपा संरक्षित हत्यारे गिरोह ‘रणवीर सेना’ ने हमला कर 3 से 12 साल की 6 बच्चियों, 15 से 75 साल तक की 26 महिलाओं, 1 से 10 साल तक के 9 बच्चों और 15 से 60 साल तक के 18 पुरुषों की बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी थी. तत्कालीन राष्ट्रपति आर. के. नारायणन ने तब इस नृशंसता को ‘राष्ट्रीय शर्म’ की संज्ञा दी थी. न्याय के लिए बाथे के जनसंहार पीड़ितों ने लंबी लड़ाई लड़ी. निचली अदालत से उसके मुख्य अभियुक्त सहित अन्य हत्यारों को सजा भी हुई. दर्जनों गवाहों व मृतकों के परिजनों के हत्यारों की धमकियों के बावजूद विशेष अदालत में पूरी हिम्मत व मुस्तैदी के साथ महीनों तक गवाही दी और अभियुक्तों को उम्रकैद और फांसी की सजा तक पहुंचाया. लेकिन नीतीश राज में एक बार फिर से संहार रचाया गया. इस बार गरीबों के न्याय की उम्मीदों की हत्या हुई. जब मामला पटना हाईकोर्ट पहुंचा तो सजा पाए तमाम रणवीर सरगने सजामुक्त-बाईज्जत बरी कर दिए गए. आज वे खुलेआम छुट्टा घुम रहे हैं. बाथे के पहले नगरी, बथानी टोला, शंकरबीघा, नारायणपुर व मिंयांपुर आदि जनसंहारों के मामले में भी यही हुआ. यानि उच्च न्यायालय से सारे अभियुक्त बाइज्जत बरी हो गए. जबकि यह वही अरवल है, जहां मजदूर-किसानों के लोकप्रिय नेता शाह चांद को सत्ता की ताकतों ने टाडा के केस में फंसाकर जेल के भीतर ही मार दिया. शाह चांद सहित उनके साथियों पर तब टाडा लगाया गया, जब देश के दूसरे हिस्से में उसे समाप्त कर दिया गया था. आज भी काॅ. त्रिभुवन सिंह सहित कई साथी जेल में बंद हैं. उन्होंने अपनी पूरी सजा काट ली है. बारंबार अपील के बाद भी उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा है.

माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य का संबोधन
माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने बाथे में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के उपरांत अपने संबोधन में कहा कि एक समय बिहार में बाथे, बथानी, मियांपुर जैसे बर्बर जनसंहार रचाए गए और तब हमने नारा दिया था - बाथे, बथानी, मियांपुर, नहीं चलेगा यह दस्तूर. लेकिन दुर्भाग्य यह है कि आज पूरे देश में दलित-गरीबों, महिलाओ, किसानों, अकलियातों, छात्र-नौजवानों पर बर्बर किस्म के हमले हो रहे हैं. गवाहों को मार दिया जा रहा है और हत्यारों को बरी कर दिया जा रहा है. 2002 गुजरात जनसंहार में जिन चंद लोगों को सजा मिली थी, उनमें एक मोदी मंत्रिमंडल की सदस्य माया कोडनानी थीं. लेकिन हमने देखा कि कुछ दिन पहले कोर्ट ने उनको भी बरी कर दिया. जिस प्रकार बाथे-बथानी व मियांपुर के हत्यारों को थोक भाव में बरी किया गया, उसी प्रकार गुजरात जनसंहार के आरोपियों को भी बरी किया जा रहा है. कहीं कोई गवाह बचेगा नहीं और हत्यारे बरी कर दिए जायेंगे. यदि कोई जज सही जजमेंट देता है, तो उनकी भी हत्या हो जाती है. आज पूरी न्याय प्रक्रिया खतरे में है. जाहिर सी बात है जब इंसाफ खतर में है, तो लोकतंत्र का मतलब नहीं बनता. आज संविधान की जगह मनुस्मृति को थोपा जा रहा है. हम लोगों ने बिलकुल ठीक पहचाना है कि संघ व भाजपा देश में फासीवाद थोपने की कोशिश कर रही है. हम इस फासीवाद को निश्चित तौर पर शिकस्त देंगे और जनता का भारत बनायेंगे. जनता के भारत में ही हमें इंसाफ मिल पाएगा.  हमने जनअधिकार पदयात्रा के तहत भाजपा भगाओ-बिहार बचाओ का नारा दिया है. भाजपा उन्माद-उत्पात की पार्टी है. एक ऐसी पार्टी है, जो सता में बैठकर लोगों का रोजगार छीन रही है, एससी/एसटी कानून में संशोधन कर रही है, आरक्षण को मिटा देना चाहती है, किसानों की जमीन छीन ले रही है. दूसरी ओर देश में नफरत की भी राजनीति कर रही है. इसलिए भाजपा को न केवल सत्ता से हटाना है, बल्कि उसकी पूरी राजनीति को बेनकाब कर देना है. यह तब होगा जब मेहतनकश जनता अपने मुद्दों के साथ मजबूती से सामने आएगी. विधान सभा चुनाव में बिहार की जनता ने भाजपा को रोकते हुए महागठबंधन की सराकर बनाई. लेकिन हमने देखा कि भाजपा ने चोर दरवाजे से बिहार की सत्ता हड़प ली और नीतीश जी पूरी तरह भाजपा की गोद में सरेंडर कर गए हैं. शराब माफियाओं का राज चल रहा है और गरीबों केा प्रताड़ित किया जा रहा है. इसलिए आइए, आज गांव-गांव में नफरत व दंगा-फसाद की राजनीति को खारिज करने के लिए आगे आयें और नया भारत बनाने का संकल्प लें. कॉ. दीपंकर जी ने बाथे से लौटते हुए मधुबन में शहीदे आजम भगत सिंह और अरवल में डॉ. भीमराव अम्बेदकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. अरवल में पदयात्रियों व नागरिकों को सम्बोधित किया, पदयात्रा का नेतृत्व किया. मोथा गांव के ग्रामीणों द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया.

जनअधिकार पदयात्रा के दूसरे दिन दरभंगा से चली पदयात्रा ने किया मुजफ्फरपुर में प्रवेश
भाकपा माले की जनअधिकार पदयात्रा दूसरे दिन केवत्सा गांव से शुरू हुई. केवत्सा, बेनीबाद, पिरोछा, गायघाट, जारंग में सभा को संबोधित करते हुए जनअधिकार पदयात्रा की अगुवाई कर रहे माले की केंद्रीय कमिटी के सदस्य सह अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र झा ने कहा कि देश के मजदूर-किसानों की तंगहाली बढ़ी है, दलितों-महिलाओं-अक्लियतों पर हमले तेज हुए हैं. वहीं अम्बानी-अडाणी और लुटेरों-भगोड़ों की सम्पत्ति हजारों गुना बढ़ी है. मोदी सरकार देश के बैंक को लुटाओ और भगाओ की नीति पर चल रही है. सब चोर जब भाग जाता है तब जनता की आँखों में धूल झोंकने के लिए अध्यादेश लाती है. देश को बचाने के लिए मोदी सरकार को भगाना राष्ट्रीय कर्तव्य बन गया है. सभा को संबोधित करते हुए पार्टी और किसान महासभा के लोकप्रिय नेता जीतेंद्र यादव ने कहा कि गांव-पंचायतों में लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं क्योंकि राशन, किरासन, पेंशन जमीन, मजदूरी, आवास योजनाएं ठप्प पड़ी है. जनअधिकार पदयात्रा इन मुद्दों को ले सरकार को घेरेगी. पदयात्रा में चास वास जीवन बचाओ बागमती संघर्ष मोर्चा के नवल किशोर सिंह, ठाकुर देवेंद्र कुमार, जगन्नाथ पासवान, राम इकबाल रॉय समेत दर्जनो लोगों ने शिरकत की. यात्रा में बैद्यनाथ यादव, अभिषेक कुमार, लक्ष्मी पासवान, सत्यनारायण मुखिया, अरुण सिंह, सजीवन सिंह, सुरेश राम, लक्ष्मी सहनी, विवेक कुमार, सुशील यादव, अशोक कुमार, रविंद्र सिंह, जिला पार्षद बिजनेश यादव आदि अगुवाई कर रहे हैं और सैकड़ों महिला-पुरुष भाग ले रहे हैं.

शाहाबाद की यात्रा गड़हनी पहुंची
विक्रगंज से आरंभ यात्रा आज पीरो, चरपोखरी, सिमरांव होते शाम में गड़हनी पहुंच गई है. चरपोखरी व सिमरांव में स्थानीय लोगों ने पदयात्रियों का स्वागत किया और उनके खाने-पीने का इंतजाम किया. इस पदयात्रा का नेतृत्व भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी के सदस्य काॅ. अरूण सिंह, काॅ. जवाहर लाल सिंह, विधायक सुदामा प्रसाद और स्थानीय पार्टी नेता-कार्यकर्ता कर हरे हैं.

गया से चली यात्रा मखदुमपुर पहंुची 
गया से निकली पदयात्रा आज चाकंद, बेलागंज होते हुए शाम तक जहानाबाद जिले के मखदुमपुर पहंुच गई है. इस जत्थे में पार्टी नेता निरंजन कुमार, रीता वर्णवाल और जनार्दन प्रसाद सिंह शामिल हैं.

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