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मंगलवार, 19 जून 2018

केंद्र सरकार के पाले में है गेंद, 6 सूत्री मांग है एकता परिषद

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जौरा,(मध्य प्रदेश).महात्मा गांधी सेवा आश्रम जौरा में कार्यकर्ता उन्मुखीकरण व क्षमता विकास शिविर संचालित है.यहां पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 2012 को मोहब्बत की नगरी आगरा में सरकार और एकता परिषद के साथ द्विपक्षीय समझौते को तत्काल लागू करें. शिविरार्थियों को बताया कि 2007 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित  राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद की बैठक नहीं बुलायी.इसमें 18 प्रदेशों के सी.एम.और 9 मंत्री मेम्बर थे.एकता परिषद के संस्थापक पी.व्ही. राजगोपाल भी सदस्य थे.2012 में सरकार और एकता परिषद के साथ लिखित द्विपक्षीय समझौता की गयी.साधारण गजट में 2007 और 2012 की समझौता का वर्णन है.यह भी बताया गया कि सूचना का अधिकार के तहत सूचना मांगी गयी है.इसके अलावे उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की जाएगी.सरकार समझौता करती है और साधारण गजट में नोटिफिकेशन भी की जाती है.इस हालात में सरकार क्रियान्वयन करने को बाध्य है अथवा नहीं? 12 अप्रैल 2015 को पी.एम.नरेंद्र मोदी और एकता परिषद के नुमांइदों से वार्ता हुई.परंतु भूमि सुधार मुद्दे पर परिणाम सामने नहीं आया.इस बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी वार्ता हुई.केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से अनौपचारिक चर्चा की गयी. 2017-2018 में 11-12 बार पी.एम.को पत्र लिखा गया.इसमें 8 पत्र का ही जवाब पीएमओ से आया.कहां गया मसला ग्रामीण विकास मंत्रालय को प्रेषित है. अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में है.ग्रामीण विभाग के आलाधिकारी और 7 सिस्टर्स स्टेट (दक्षिण भारत) के पदाधिकारियों के साथ 26 जून को त्रिवेंद्रम में बैठक होगी.इसमें एकता परिषद को भी कॉल किया गया है. एकता परिषद के संयोजक रमेश शर्मा ने कहा कि  हमलोगों की 6 सूत्री मांग है. सरकार 2 अक्तूबर से पहले मांग पूरी कर दें. राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय कृषक हकदारी कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय भूमि नीति की द्योषणा व क्रियान्वयन,भारत सरकार द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल समिति को सक्रिय करना,वनाधिकार कानून -2006 और पंचायत (विस्तार उपबन्ध) अधिनियम -1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय  व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन. 

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