बिहार : वरिष्ट पत्रकार राजेंद्र कमल का निधन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 19 जून 2018

बिहार : वरिष्ट पत्रकार राजेंद्र कमल का निधन

journalist-rajendra-kamal-passes-away
पटना (आर्यावर्त डेस्क) 19 जून, आज मंगलवार को जाने-माने पत्रकार राजेंद्र कमल का निधन हो गया.पूर्व में  पटना से प्रकाशित पाटलिपुत्र टाइम्स और जनशक्ति दैनिक के संपादक रहे.मासिक पत्रिका संदेश के संपादक मंडली के सदस्य रहे. प्रोटेस्टेट चर्च से जुड़े थे पत्रकार.दबंग लोगों द्वारा लोदीपुर स्थित एंगल  स्कूल व बाकरगंज स्थित ईसाइयों की जमीन हथियाने के खिलाफ पत्रकार ने तीखा तेवर दिखाया था.परिणाम स्वरूप पत्रकार पर जानलेवा हमला भी हुआ था. काफी दवा और दुआ के बल पर मौत के मुंह से बच निकले. असामयिक मौत के पहले पत्रकार राजेंद्र कमल ने 13 जून को सोशल मीडिया फेसबुक पर लिखे कि ईडी ने दानापुर स्थित निर्माणाधीन मॉल की तीन बीघा से अधिक भूमि सीज कर लिया,क्योंकि लालू प्रसाद यादव का मामला है जिससे खुन्नस है. कोर्ट में सब साफ होगा,लेकिन ईसाइयों के एंगल स्कूल परिसर लोदीपुर स्थित साढ़े सात एकड़ तथा बाकरगंज स्थित तैतालीस कट्टा जमीन पर हाईकोर्ट के स्टे ऑडर रहते हुए प्रशासन ने बिल्डर को कब्जा दिलवा दिया.यह शायद इसलिए कि इसके पीछे जदयू एवं भाजपा के दो प्रभावशाली नेता हैं.एंगल भूमि पर उत्कर्ष के नाम पर काम चालू है और बाकरगंज में स्टे और स्टेटस को रहते पटना नगर निगम ने नक्शा पास कर दिया . प्रभाव इतना ज्यादा है कि पीएमओ से आये निदेश भी बेअसर हो गये.ईसाइयों के मामले में  केंद्र   और राज्य सरकार अंधी बनी हुई.सबका साथ सबका विकास तथा न्याय के विकास ठेगे पर है.लालू परिवार से खुन्नस निकालना है.ईसाइयों की वकत क्या है?  अल्पसंख्यक ईसाइयों के पैरोकार नहीं होने से दंबगों पर कार्रवाई नहीं होती.न्यायालय पर विश्वास जताये थे.अभी मामला न्यायालय में है. 

कोई टिप्पणी नहीं: