जनजातीय समाज के सर्वांगिण विकास से ही हुल दिवस पर वीरों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी-राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 1 जुलाई 2018

जनजातीय समाज के सर्वांगिण विकास से ही हुल दिवस पर वीरों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी-राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) संथाल हुल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब संताल परगना व जनजातीय समाज का सर्वांगीण विकास हो। पूरे राज्य में हूल दिवस को धूमधाम से मनाया जाता है। संताल परगना में इस धरती के महानायक सिदो-कान्हू, चांद- भैरव, फूलो-झानो को लोग विशेष रूप से याद करते हैं। यहां के युवाओं को हुल दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी रखनी चाहिए। उन्हें गर्व होना चाहिए कि ऐसे वीरों की धरती पर उन्होंने जन्म लियां जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत को हिला कर रख दिया था। 1857 स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई मानी जाती है। 30 जून 1855 में साहेबगंज जिले के भोगनाडीह से स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई का विगुल बजा था जो पहली लड़ाई के रुप में था।  सिदो कान्हु ने ‘‘करो या मरो’’ का नारा देकर अंग्रजों की नींदें गायब कर दी थी। हुल दिवस के अवसर पर इंडोर स्टेडियम, दुमका में सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के तत्वावधान मंे दिन शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने उपरोक्त बातें कही। इस अवसर पर राज्यपाल ने विशिष्ट अतिथि मंत्री डॉ लुइस मरांडी, कृषि मंत्री रणधीर सिंह के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। राज्यपाल ने कहा, विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन प्रशंसनीय है। सिदो कान्हु के नाम से राज्य ही नहीं पूरे देश में जाना जाने वाला यह विश्वविद्यालय समाज में संथाल हुल की जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास करे। विद्यार्थियों में राष्ट्रप्रेम की भावना प्रबल हो, तभी राष्ट्र एक नई उचाई पर पहुंच सकेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को सिर्फ डिग्री देने का कार्य नहीं करना चाहिये। विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। विश्वविद्यालय में शिक्षा का ऐसा माहौल बने कि बाहर से लोग आकर इस विश्वविद्यालय में अध्ययन कर सकंे। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा विश्वविद्यालय के शिक्षक जिस प्रकार अपने बच्चों को शिक्षा देना चाहते हैं ठीक उसी प्रकार विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को भी शिक्षित करें। विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षित किये गये बच्चे एक दिन इस देश, राज्य, परिवार व समाज के साथ आपका भी नाम रौशन करेंगे। उन्होंने कहा कि जीवन में कामयाबी हासिल करनी हो तो एक अच्छा इंसान बनना सबसे बड़ी अहर्ता है। खेलकूद हमारे जीवन मंे अत्यन्त महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय को विद्याथियों के लिए खेलकूद की पूरी व्यवस्था करने का राज्यपाल ने निदेश दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में युवाओं का सम्मेलन आयोजित कर इस धरती के लिए बलिदान देने वाले सिदो कान्हु की पूरी जीवनी के बारे में बताने की आवश्यकता है। आदिवासी समाज प्रकृति को ही अपना भगवान मानती है उसकी पूजा करती है। प्रकृति ही हमें वास्तव में जीना सिखाती है। पेड़, पौधे, नदियाँ हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं। हम सभी को इसे बचाने का कार्य करना चाहिये। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए कई योजनायंे चलायी जा रही हैं। इन योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है, ताकि उन्हें इस योजना का लाभ मिल सके। एनसीसी की टीम  गांव, टोला आदि में भेज कर विश्वविद्यालय प्रशासन योजनाओं की जानकारी फैलाने का कार्य करे, इससे गांव के लोगों के साथ-साथ एनसीसी की टीम के सदस्यों का भी सर्वांगीण विकास होगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के लोग बहुत भोले भाले लोग हैं। आदिवासियों के विकास के लिए तथा उन्हें उनका हक मिल सके इसके लिए उन्हें शिक्षित करना अत्यन्त आवश्यक है। आदिवासी समाज आगे बढ़े सही मायने में वीर सिदो कान्हु के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। समाज कल्याण मंत्री डॉ0 लुईस मरांडी ने हूल दिवस की बधाई देते हुए कहा कि  संथाल परगना वीरों की धरती है।  आज के दिन गांव-गांव में उत्सव मनाया जाता है। संथाल परगना के साहिबगंज जिले के भोगनाडीह को हम भूल नहीं सकते। समाज को विकास के पथ पर ले जाने के लिए हमारे वीरों ने बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार जनजातीय समाज के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है। हम जनजातीय समाज की हक की बात ना सिर्फ करते हैं बल्कि उनका हक उन्हें दिलाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एक ऐसा स्थान है जहां से समाज को एक सही दिशा दी जाती है। हम सभी अपने स्तर से समाज को सही दिशा की ओर ले जाने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने सभी से अपील की कि दैनिक जीवन में भी अगर किसी गरीब राहगीर से आपकी मुलाकात हो जाती है तो उन्हें भी सरकार की योजनाओं की जानकारी दें। ताकि उनका भी विकास हो सके। कई बार जानकारी के अभाव में लोग सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं। सरकार योजनाएं सभी के लिए बनाती हैं। ‘‘सबका साथ सबका विकास’’ के मूल मंत्र के साथ सरकार निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है। सरकार जनजातीय समाज का सर्वांगीण विकास चाहती है विकास की रफ्तार को बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य भी किए जा रहे हैं। इस अवसर पर कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि हम आज के दिन वीर शहीदों को नमन करते हैं। इस त्याग और बलिदान को हम सभी को याद रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संथाल परगना का समुचित विकास वीर सिदो कान्हू की सोच थी। सिदो-कान्हू, चांद-भैरव के सपनों को साकार करने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है। सरकार आदिवासियों के विकास के लिए निरंतर नए-नए कार्य कर रही है। आने वाले समय में झारखंड समृद्ध बनेगा। संथाल परगना समृद्ध हो इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। एम्स, एयरपोर्ट संथाल परगना के चहुमुखी विकास में मील का पत्थर साबित होगा। सरकार आदिवासी, किसानों, गरीबों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है। इस अवसर पर पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि मैं पिछले 35 सालों से आदिवासियों के बीच कार्य कर रहा हूं। आदिवासी समाज के लोगों के पास देश निर्माण की ताकत है। प्रशासनिक व्यवस्था को भी उनके अनुरूप बदलना होगा ताकि आदिवासियों का बेहतर ढंग से विकास हो सके यही सिदो कान्हु के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर विष्वविद्यालय के कुलपति डॉ मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मिलकर विश्वविद्यालय को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के सभी सहकर्मियों का प्रयास ही है कि आज हम विश्वविद्यालय को एक नई दिशा देने में प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि सिदो-कान्हू, चांद-भैरव फूलों-झानो की भूमि में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सभी को बेहतर समाज के निर्माण के लिए अपने अपने स्तर से कार्य करने की जरूरत है। विश्वविद्यालय प्रशासन हमेशा इस दिशा में कार्य कर रहा है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित ‘‘हुल विशेषांक’’ हिंदी न्यूज लेटर का विमोचन किया गया तथा कुलपति द्वारा लिखे गए पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर ए.एस. कॉलेज देवघर, ए.सपी. महिला कॉलेज दुमका, आर.डी. महिला कॉलेज देवघर के छात्र छात्राओं के द्वारा एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्मानित अतिथियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इससे पूर्व महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने सिदो कान्हु मुर्मू विष्वविद्यालय परिसर पहुंचकर सर्वप्रथम सिदो कान्हु की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की। तदोपरांत उन्होंने फीता काटकर विष्वविद्यालय के नवनिर्मित प्रषासनिक भवन, व्याख्यान भवनों का उद्घाटन एवं अन्य भवनों का षिलान्यास किया। इस दौरान पारम्परिक रीति रिवाज से उनका स्वागत किया गया। उन्होंने इस दौरान सभी नवनिर्मित भवनों का अवलोकन किया एवं विष्वविद्यालय प्रषासन को बधाई दी। 

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