मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 13 जुलाई, कलाकार और कलमकार बेहद संवेदनशील कौम होता है ---- सरस्वती के ये उपासक संवेदना के साथ सम्मान को ही अहमियत देते हैं ---- मधुबनी रेलवे स्टेशन पर मधुबनी चित्रकला से स्टेशन को सौन्दर्यगामिनी बनाने वाला हर कलाकार समान रूप से हर प्रशस्ति का हकदार है --- इसी असमानता के विरोध में आज कलाकरों का गुस्सा फूटा और कलाकारों ने मधुबनी स्टेशन पर सुपर फ़ास्ट स्वतंत्रता सेनानी को करीब डेढ़ घंटे रोक कर अपने सम्मान के लिये आवाज उठाई --- विरोध और विद्रोह के बारीक रेखा को ना पहचाना गया तो ये तय है कि जिन कलाकारों ने कलम और कूची से स्टेशन को राष्ट्रीय नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई वही कलाकर अपने ही उकेरे कलाकृति को कालिख से भी पोत सकते हैं जैसा की कलाकारों ने खुद चेतावनी दी है --- और इस विद्रोह की वजह रेल प्रशासन के वो अधिकारी होंगे जिन्होंने कला के इस समग्र में भी घुसपैठ की और चहेतों को पारितोषित में आगे कर इनाम की राशि हड़पने की साजिश रची है --- मंत्रालय ध्यान दे !!
शुक्रवार, 13 जुलाई 2018
मधुबनी : क्या मधुबनी स्टेशन की खूबसूरत मधुबनी कलाकृति कालिख से पुतेगी ??
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