देवघर : श्रद्धालु के लिये प्रशासनिक पदाधिकारियों को दिये गए निदेश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 2 अगस्त 2018

देवघर : श्रद्धालु के लिये प्रशासनिक पदाधिकारियों को दिये गए निदेश

  • श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधाओं के मद्देनजर देवघर डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय 
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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं के सुगम जलार्पण हेतु जिला प्रशासन द्वारा की गयी सभी व्यवस्थाओं यथा-कत्तारबद्ध कांवरियों हेतु स्पाईरल, होर्डिंग प्वाईंट, नेहरू पार्क, क्यू काॅमप्लेक्स, मंदिर प्रांगण के अंदर मुख्य मंदिर, पार्वती मंदिर में जलार्पण हेतु की गई बैरिकेडिंग आदि का अवलोकन कर डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये। इसके प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों को कहा कि श्रद्धालुओं को सुगम एवं सुरक्षित जलार्पण कराने में सभी सहयोग दें। अपने-अपने प्रतिनियुक्ति स्थल पर मुस्तैद रहकर कार्य करें। डीसी श्री सिन्हा ने मानसरोवर स्तिथ मेला नियंत्रण कक्ष व सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से मेला क्षेत्र की गतिविधियों का जायजा लिया। वहां प्रतिनियुक्त कर्मियों को निदेशित किया गया कि सजग रहते हुए तत्परता के साथ कार्य करें।  उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रखने व सुरक्षा के दृष्टिकोण से आईएमसीआर का काफी महत्वपूर्ण स्थान है। आवश्यक है कि मेला क्षेत्र में हो रहे गतिविधियों पर  पैनी नजर बनाये रखें। डीसी ने  मंदिर प्रशासनिक भवन के पीछे खाली स्थान में लगाये गये पेढ़-पौधे व चल रहे सौंदर्यीकरण कार्यो का अवलोकन कर मंदिर प्रभारी अंजनी कुमार दूबे से जानकारी ली। जमीन को ठीक से समतल करने व फूल-पत्तियों पर विशेष ध्यान रखने का निदेश दिया।  उन्होंने कहा कि फूल-पत्ती किसी भी जगह के सुंदरता में चार चांद लगाते हैं तो ऐसे में आवश्यक है कि उनका अच्छे से देखभाल किया जाय। डीसी ने सुविधा केंद्र में बने शीघ्र दर्शनम काउंटर का भी निरीक्षण किया। वहाँ उपस्थित कर्मचारियों को निदेश दिया कि  कि श्रद्धालुओं को कूपन खरीदने में कठिनाई का सामना ना करने पड़े। कांवरियों की सुविधा को ध्यान में देखते हुए शीघ्र दर्शनम कूपन काउंटर की संख्या को बढ़ाकर 12 की संख्या में कर दी गई है। कतारबद्ध श्रद्धालुओं को ठंडक पहुँचाने के उद्देश्य से  लगाया गया  मिस्ट शाॅवर सिस्टम: श्रावणी मेला में आगन्तुक कांवरियों की सुविधा हेतु जिला प्रशासन द्वारा कई नई चीजों का प्रयोग किया गया है, जैसे- इन्भायरन्मेंट सेंसर, मिस्ट शाॅवर, आदि। नेहरू पार्क व संस्कार मंडप में कतारबद्ध श्रद्धालुओं को ठंडक पहुँचाने के उद्देश्य से मिस्ट शाॅवर सिस्टम लगाया गया, ताकि कतारबद्ध श्रद्धालुओं को ऊबाउ महसूस न हो। उमा भवन में इन्भायरन्मेंट सेंसर मशीन लगाया गया, इसके माध्यम से वहां के तापमान के बारे में जानकारी प्राप्त कर तापमान नियंत्रित करने में सहुलियत हो रही है। बांका से आये मृत्युंजय व  आकाश बम ने कहा कि इस बार श्रावणी मेले में सुविधाओं को देखकर अच्छा लग रहा है। बाबा के जलार्पण हेतु संस्कार मंडप में कतारबद्ध थें तो मिस्ट शाॅवर सिस्टम से बहुत राहत महसूस हुई और पता हीं नहीं चला कि इतनी संख्या में लोग कतारबद्ध हैं। इस सिस्टम के कारण हमें वहां काफी ठंडक महसूस हो रही थी और थकान का एहसास भी नहीं हो रहा था। इसके अलावे उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में सरकार द्वारा शौचालय, पेयजल, स्नानागार, ईन्द्र वर्षा आदि की काफी अच्छी व्यवस्था की गयी है। प्लास्टिक से बनी सामग्री का उपयोग न करें : देवघर नगर निगम क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है फिर भी विगत वर्षों में श्रावणी मेला के दौरान जलार्पण हेतु कतारबद्ध श्रद्धालुओं के पेयजल हेतु मेला क्षेत्र में सरकारी, गैर-सरकारी स्वयंसेवी संस्थाओं व आम नागरिकों द्वारा डिस्पोजेबल प्लास्टिक ग्लास का उपयोग किया जाता है। इससे न सिर्फ कचरा फैलता है बल्कि पर्यावरण भी दूषित होता है। ऐसे में आगंतुक श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य व पर्यावरण की सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिला प्रशासन द्वारा इस वर्ष श्रावणी मेला में प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है। जिला प्रशासन की ओर से सभी सरकारी, गैर-सरकारी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील की गई है कि श्रावणी मेला में उनके द्वारा डिस्पोजेबल प्लास्टिक ग्लास, प्लेट या प्लास्टिक से बने अन्य सामग्री का उपयोग न किया जाए। विभिन्न स्थानों का डीसी ने किया भ्रमण: डीसी  राहुल कुमार सिन्हा ने  श्रावणी मेला के दौरान छोटे-बड़े वाहनों के सुविधाजनक आवागमन हेेतु शहर के विभिन्न जगहों यथा-बाघमारा से दर्दमारा रोड, चकाई-जसीडीह रोड, जसीडीह-देवघर, बैद्यनाथपुर, झौसागढ़ी, शिवगंगा के आस-पास का क्षेत्र आदि का अवलोकन किया गया। इस मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी श्री रामनिवास यादव, यातायात डीएसपी रविकांत भूषण उपस्थित थे। डीसी ने कहा कि श्रावणी मेला के दौरान हजारों की संख्या में छोटे -बड़े वाहनों का आवागमन शहर में होता है। ऐसे में शहर के यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करना जिला प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है, इसलिए आवश्यक है कि हम सभी साझा प्रयास कर कार्य करें। उन्होंने आगे कहा कि वाहनों के पड़ाव हेतु जिला प्रशासन द्वारा शहर के अंदर कई जगह पर अस्थाई वाहन पड़ाव बनाये गये हैं, जहाँ सभी वाहनों के निःशुल्क पड़ाव की व्यवस्था की गई है। उन्होनें कहा कि इन सब के बावजूद यह शिकायत आयी है कि कई जगहों पर अवैध रूप से पैसा लेकर गाडियों का पड़ाव कराया जा रहा है एवं नो पार्किंग जोन एवं सड़क पर जहाँ-तहाँ गाड़ी खड़ी कर दी जाती है, जो कि कानूनन अपराध है।  इसी के तहत् उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा एवं अनुमण्डल पदाधिकारी, देवघर  रामनिवास यादव द्वारा सघन वाहन जाँच करते हुए कई गाड़ियो को जब्त कर थाने लेे जाया गया एवं सारे अवैध पड़ाव को अविलंब 24 घंटे के अंदर हटाने का निदेश दिया गया।  उपायुक्त ने कहा कि नो पार्किंग जोन में किसी भी वाहन का पड़ाव न किया जाय अन्यथा सभी वाहनों को जब्त करते हुए संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त द्वारा आगे निदेशित किया गया कि इन सभी जगहो पर विभाग द्वारा बोर्ड लगाकर अवैध वाहन पड़ाव को रोका जाय एवं गलियों के माध्यम से जो टेम्पू, बस आदि मेला क्षेत्र या मंदिर व शिवगंगा के समीप नो इंट्री जोन में पहुँच जाते है, उन्हें रोकने हेतु ड्राॅप गेट, बैरियर आदि का प्रयोग किया जाय एवं इन वाहनों के चालक और मालिक पर तुरंत करवाई करें। शिवगंगा के समीप ‘अमानत घर’ का बनाया :  बाबाधाम में आये कांवरियों को सुविधा मुहैया कराने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा एक और अनुठा कदम उठाया गया है और वह है शिवगंगा के समीप ‘अमानत घर’ का बनाया जाना। अमानत घर का निर्माण देवघर नगर निगम के द्वारा पिछले कई वर्षों से यहाँ कराया जा रहा है; ताकि यहाँ आए कांवरियों को अपने साथ लाए सामानों को इधर-उधर न रखना पड़े और उनके द्वारा लाये गये सामान यहां सुरक्षित रह जाएं। इस प्रकार के अमानत घर के निर्माण की यहां जरूरत इसलिए भी थी क्योंकि इस प्रकार के लाॅकर रूम की अनुपस्थिति में जब यहां कांवरिया यहाँ आते थे तो उन्हें अपना सामान यत्र-तत्र रखना पड़ता था; जिससे उनके सामान के चोरी हो जाने का भय बना रहता था और सामानों की सुरक्षा के वजह से वे देवघर के आस-पास के पर्यटन स्थलों का आनन्द भी नहीं उठा पाते थे। उन्हें लगता था कि वे अपना सामान ढोकर कितना इधन-उधर जाएंगे, सामान साथ लेकर घूमने से अच्छा है कि जलार्पण के बाद सीधा घर हीं वापस लौट जाया जाए। पर अब अमानत घर हो जाने के बाद वे यहाँ अपने सामान को सुरक्षित रखकर बासुकीनाथधाम जाने एवं देवघर के पर्यटन स्थलों का आनन्द ले पाने में सहज महसूस कर रहे हैं। हाँलाकि अमानत घर में सामानों के रख-रखाव के शुल्क के रूप में मात्र 30/- रूपये सहयोग राशि की एक रसीद कटानी पड़ती है पर फिर भी एक रसीद पर 24 घंटों तक सामानों की सुरक्षा हो जाने से इनमें काफी हर्ष देखी जा रही है।

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