दुमका : नक्सलियों के कैम्प को तबाह करने वाले पुलिसकर्मियों को डीजीपी ने किया पुरस्कृत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 1 अगस्त 2018

दुमका : नक्सलियों के कैम्प को तबाह करने वाले पुलिसकर्मियों को डीजीपी ने किया पुरस्कृत

  • पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे दो हार्डकोर नक्सली, डीजीपी ने कहा ताला दा गिरोह को जंगल से बाहर निकलने के लिये बाध्य होना होगा।  
police-man-honored-in-dumkaदुमका (अमरेन्द्र सुमन) संताल परगना प्रमण्डल को नक्सलवाद से मुक्त कराने का निर्णय लिया गया है। सशस्त्र बलों की भूमिका इसमें सर्वोपरि है। मिशन 200 व मिशन 500 के तहत नक्सलियों के द्वारा बाधित इलाकों को उनसे मुक्त कराया सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। इसके तहत नक्सलियों की सम्पत्ति को जब्त किया जा रहा है। सरकार ने आत्मसमर्पण की नीति को बहुत ही आकर्षक बनाया है। ट्राय जंक्शन के सारे जगहों पर कैम्प लगाए जा रहे हैं। एसएसबी कैंप विजयपुर दुमका के सभा कक्ष में डीजीपी झारखण्ड डी के पाण्डेय ने एक सम्मान समारोह के दौरान उपरोक्त बातें कही। एसएसबी कैंप विजयपुर दुमका के सभा कक्ष में आयोजित सम्मान समारोह में अपर पुलिस महानिदेशक विशेष शाखा, राँची अनुराग गुप्ता पुलिस महानिरीक्षक पुलिस महानिरीक्षक आशीष बत्रा, पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ साकेत कुमार, पुलिस महानिरीक्षक एसएसबी  संजय कुमार डीआईजी एसएसबी सुमित जोशी, एस पी दुमका किशोर कौशल व समादेष्टा एसएसबी परीक्षित की उपस्थिति में पुलिस महानिदेशक, झार,खण्ड डी के पांडेय ने कहा कि संताल परगना में अशांति फैलाने वाले ताला दा गिरोह को जंगल से बाहर निकलना होगा। संविधान, जनतंत्र व लोकतंत्र से जुड़कर माओवादी विकास के पथ पर आवें, उनका स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा गोलियों से विकास नहीं सत्यानाश होता हैं। डीजीपी डी के पाण्डेय ने कहा दिसम्बर 2018 तक संपूर्ण झारखण्ड को नक्सलवाद से मुक्त करा लिया जाएगा। पुलिस ने इसके लिये व्यापक योजना बना रखी हैं। पुलिस पदाधिकारियों की टीम दिन-रात इस समस्या के हल में लगे हुए हैं। निर्माण कार्यों में लगे बड़े-बड़े ठेकेदारों, संवेदकों से अपील करते हुए डीजीपी ने कहा कि वे सरकार व व्यवस्था के अंग हैं। उनके नहीं रहने से निर्माण कार्य संभव नहीं है। माओवादियों/ नक्सलियों को लेवी देना वे पूरी तरह बंद कर दें। यदि लेवी की वसूली की जाती है तो पुलिस को इसकी पूरी सूचना दें ताकि आॅपरेशन के तहत माओवादियों/ नक्सलियों को धर-दबोचा जा सके। डीजीपी ने कहा कि किसी भी हालत में नक्सलवाद को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। जो भी उचित समझा जाएगा उनके विरुद्ध अभियान चलाकर मुँहतोड़ जबाव दिया जाएगा। विजयपुर स्थित एसएसबी की 35 बी बटालियन के सभाकक्ष में जंगल, पहाड़ के दुर्गम इलाके में हुए मुठभेड़ में शामिल पदाधिकारियों व  कर्मियों को इस अवसर पर सम्मानित किया गया।       एस पी किशोर कौशल सहित समादेष्टा एसएसबी-35 बटालियन परीक्षित, स0 कमा0 एसएसबी नरपत सिंह, सअनि-योगेश्वर उराँव, गोपीकान्दर थाना, दुमका जिलाबल, एचसी-प्रदीप कुमार, एसएसबी के एच सी-भीम सिंह, एसएसबी आरक्षी-असीम टोप्पो, आरक्षी-संदीप कुमार, आरक्षी-धर्मेन्द्र कुमार, आरक्षी-जसमुद्दीन शेख, आरक्षी-गणेश सिंह राणा, आरक्षी-अमरेन्द्र सिंह, स0अ0नि0-योगेश्वर उराँव, गोपीकान्दर थाना, दुमका जिलाबल, एचसी-प्रदीप कुमार, एचसी-भीम सिंह, एचसी-सुनील कुमार सिंह, आरक्षी-धर्मेन्द्र कुमार, आरक्षी-दुलाल गोराई, आरक्षी-श्यामनारायण ठाकुर, आरक्षी-अमरेन्द्र सिंह, आरक्षी गणेश सिंह राणा, आरक्षी-असीम टोप्पो, आरक्षी-मुस्ताक अहमद बोकदा, आरक्षी-येगेन्द्र कुमार, आरक्षी-श्याम सिंह मेड़, आरक्षी-हरीश राम, आरक्षी-कदम अभय, आरक्षी-जुटार सिंह, आरक्षी सोनू कुमार, आरक्षी-भोषले हर्षद, आरक्षी-अब्दुल रहमान, आरक्षी-संदीप कुमार, आरक्षी-केनाराम हलधर, आरक्षी-आलोक राय एवं  आरक्षी-जसमुद्दीन शेख आरक्षी-केनाराम हलधर को डीजीपी ने प्रशस्ति पत्र व राशि से सम्मानित किया।   मालूम हो, गोपीकान्दर थाना क्षेत्र अन्तर्गत कछुआकान्दर के दुर्गम इलाके में कैम्प कर रहे नक्सलियों की सूचना पर वरीय पदाधिकारियों के दिशा-निर्देश पर 28 जुलाई को आसिस्टेन्ट कमाण्डेण्ट एसएसबी-35 वीं बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट नरपत सिंह के नेतृत्व में एक विशेष छापामारी दल के द्वारा कछुआकान्दर जंगल में छापेमारी अभियान चलाया जा रहा था कि इसी बीच सहायक कमाण्डेण्ट एसएसबी-35 बटालियन, नरपत सिंह के नेतृत्व वाली अभियान टीम को देखते ही हार्डकोर नक्सलियों द्वारा ताबड़तोड़ फायरिंग शुरु कर दी गई। जान की परवाह किये बिना पुलिस टीम ने अदम्य उत्साह, साहस व हौसला का परिचय देते हुए जवाबी कार्रवाई की जाने लगी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई के बाद सर्च अभियान चलाया गया। सर्च अभियान के दौरान घटनास्थल पर 02 (दो) नक्सलियों के शव, एसएलआर, मैगजीन, हैण्ड ग्रेनेड, गोलियाँ, खोखा, नक्सली साहित्य व अन्य सामान बरामद किया गया।

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