- · भारतीय जनऔषधि परियोजना ने राष्ट्रीय स्तर पर चलाया था स्लोगन कांटेस्ट
- · आशुतोष को मिला प्रथम पुरस्कार, भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख भाई मांडविया ने नई दिल्ली के कंस्टीच्यूसनल क्लब में दिया यह पुरस्कार
नई दिल्ली/ सस्ती दवाइयों के लिए अभियान चला रहे स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक आशुतोष कुमार सिंह को भारत सरकार ने पुरस्कृत किया है। उन्हें यह पुरस्कार प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर चलाए गए स्लोगन कॉटेस्ट में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर दिया गया। रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख भाई मांडविया ने श्री आशुतोष को पुरस्कार राशि का चेक राजधानी के कंस्टीच्यूसनल क्लब में प्रदान किया। इस अवसर पर फार्मा सचिव जेपी प्रकाश, संयुक्त सचिव नवादीप जी, प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना के सीइओ सचिन कुमार सिंह सहित देश भर से आए जनऔषधि के मार्केटिंग ऑफिसर उपस्थित थे। पुरस्कार प्राप्त करने पर श्री आशुतोष ने कहा कि लोगों को सस्ती दवा मिले यह उनका सपना है। विगत 6 वर्षों से देश भर में घुमकर लोगों को जनऔषधि अथवा जेनरिक दवा के आर्थिक फायदे के बारे में बाता रहा हूं।
क्या था स्लोगन
महंगी दवाई ने लाई गरीबी
जनऔषधि ने भगाई गरीबी
जानें कौन हैं आशुतोष कुमार सिंह
आशुतोष कुमार सिंह विगत 12 वर्षों से पत्रकारीय लेखन से जुड़े हैं। पिछले 6 वर्षों से स्वस्थ भारत अभियान के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य चिंतन की धारा को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। स्वस्थ भारत (न्यास) के चेयरमैन श्री आशुतोषव ‘कंट्रोल मेडिसिन मैक्सिममरिटेलप्राइस’ कैंपेन,‘नोयोर मेडिसिन’कैंपेन,‘जेनरिक लाइए पैसा बचाइए’कैंपेनएवं‘तुलसी लगाइए रोग भगाइए’ जैसे जनसरोकारीकैंपेनों के माध्यम से देश को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रहे हैं।इसी कड़ी में वर्ष 2017 में स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज का संदेश लेकर स्वस्थ भारत यात्रा कर चुके हैं। 21000 किमी की देश-व्यापी इस यात्रा में 29 राज्यों की 1 लाख 50 हजार से ज्यादा बालिकाओं से प्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य चर्चा करने का मौका श्री आशुतोष को मिला है। देश भर के 150 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों में स्वास्थ्य संबंधी व्याख्यान देने वाले श्री आशुतोष मूल रूप से बिहार के सीवान जिला के रजनपुरा गांव के रहने वाले हैं। श्री आशुतोष ने महज 31 सालों की आयु में स्वास्थ्य एक्टिविजम की दिशा में राष्ट्र-व्यापी काम किया है। उनके इस हौसले से नई पीढ़ी बहुत कुछ सीख सकती है। वर्तमान में वे समाचार एवं विचार पोर्टल स्वस्थ भारत डॉट इन का संपादन कर रहे हैं।
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